उत्तर प्रदेश से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले बसपा को एक बड़ा झटका लगा है। बलिया के कद्दावर बसपा नेता और पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी और उनके बेटे आनंद चौधरी ने पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया है। अंबिका के बेटे आनंद ने बसपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत सदस्य का चुना लड़ा और जीता था।
आनंद के बसपा छोड़ते ही सपा ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि प्रत्याशी घोषित करने से पहले उन्होंने लखनऊ में सपा भी ज्वाइन कर ली है। आनंद के बाद अब अंबिका चौधरी के भी सपा से जुड़ने की बात कही जा रही है।
पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने अपने द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में लिखा है कि "विगत विधानसभा चुनाव के पूर्व जनवरी 2017 से मैं बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने के पश्चात एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को अपनी सेवाएं दे रहा हूं। मुझको जब भी छोटा-बड़ा कोई उत्तरदायित्व दिया गया, उसकी पूरी लगन से मैंने निर्वहन किया। इस दौरान बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती एवं दल के अन्य सभी नेताओं एवं सहयोगियों का जो स्नेह एवं सम्मान मिला, इसके लिए मैं कृतज्ञता पूर्वक आभार व्यक्त करता हूं।
मायावती को भेजे इस्तीफे में पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि 2019 को लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी में उन्हें कोई दायित्व नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि पार्टी में मैं उपेक्षित और अनुपयोगी हो गया हूं। मेरे पुत्र को सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया है। इसलिए मैंने अपना इस्तीफा मायावती को भेज दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि अंबिका चौधरी ने साल 2017 का विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे लेकिन दोनों में हार का सामना करना पड़ा था।