लखनऊ। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश इस समय कोरोनावायरस के साथ-साथ कानून व्यवस्था की बिगड़ी हालत का भी शिकार है। जिस प्रकार कोरोनावायरस टेस्ट टाले जा रहे हैं, उससे उसके कारण वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा है और अब कोरोनावायरस पीक कब आएगा, कहा नहीं जा सकता। तो फिर सरकार बताए कि कोरोनावायरस पीक से लड़ने की तैयारी कैसे करेगी?
कोरोनावायरस संकट में लाकडाउन होने पर दूसरे प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रमिक आ गए थे। वे कहते थे कि अब गांव में ही रहेंगे लेकिन उनको भाजपा सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है और अब श्रमिक कहने लगे हैं कि अपने गांव में जीना मुश्किल है। जिस उम्मीद से हम लौटे थे, उससे निराशा हुई है। ये श्रमिक फिर मुंबई, सूरत, गुजरात व पंजाब में काम की तलाश में जाने लगे हैं। इन जगहों को जाने वाली ट्रेनों में जुलाई भर जगहें नहीं हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि महिला सुरक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है। दरअसल, भाजपा के बस में अपराध नियंत्रण नहीं रह गया है। सत्ता दल के नेता अपनी दबंगई दिखाने में पीछे नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अधिकारी तो एक कान से सुनकर उनकी बातें दूसरे कान से उड़ा देते है। ठोंको नीति के मंत्र की प्रशासन ने गांठ बांध ली है। नतीजतन उत्तरप्रदेश अपराधियों का पनाहगाह बनता जा रहा है। उत्तरप्रदेश में समाज का हर वर्ग अपने को असुरक्षित और अपमानित महसूस करता है।