मथुरा। वृंदावन में आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पदाधिकारी और पुलिस के बीच जूतम-प्रचारम हो गई। आरोप है कि शनिवार की सुबह संघ के प्रचारक के साथ युमना नदी में स्नान करने को लेकर विवाद हो गया, विवाद बढ़ गया और पुलिसकर्मियों ने संघ पदाधिकारी के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी। जैसे ही यह खबर भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं को पता चली तो वे आक्रोशित हो गए। इस विवाद ने तूल पकड़ा और भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने कोतवाल को चप्पल मार दी। इसके बाद कुछ युवकों ने बीच सड़क पर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर दी।
इस विवाद की शुरुआत 27 मार्च शनिवार की सुबह आरएसएस के जिला प्रचारक मनोज कुमार कुंभ क्षेत्र में देवरहा घाट पर यमुना में स्नान करने के दौरान हुई। स्नान करते हुए मनोज ने रैलिंग को पार कर लिया। आरोप है कि वहां तैनात पुलिस ने आरएसएस के इस पदाधिकारी को तीखे अंदाज में हड़काया। इससे नाराज होकर संघ के अन्य पदाधिकारियों की पुलिस के साथ तू-तू, मैं-मैं हो गई। बात इतनी बढ़ी की बढ़ी पुलिसकर्मियों ने अपना पुलिसिया रौब दिखाते हुए मनोज के साथ मारपीट कर दी।
मारपीट की जानकारी होते हुए भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, संघ और हिन्दू संगठन के लोगों में आक्रोश फैल गया। वे कुंभ मेला क्षेत्र में में जुटे गए और वृंदावन कोतवाली पहुंचकर आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की। मारपीट में घायल RSS जिला प्रचारक मनोज जब अस्पताल पहुंचे तो यहां भी पुलिस से विवाद हो गया। भाजपा की महिला नेत्री ने वृंदावन कोतवाल अनुज कुमार को चप्पल मार दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ। उन्होंने बीच सड़क पर पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए मारपीट कर दी।
कोतवाली वृंदावन में भाजपा, स्वयंसेवक संघ और हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता अब आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे है। वहीं भाजपा का जिलाध्यक्ष मधु शर्मा का कहना है कि चुंगी चौराहे पर हुई मारपीट में उनके कार्यकर्ताओं का हाथ नही है, हिन्दूवादी संगठनों के लोगों द्वारा यह मारपीट की गई है। दौड़ा-दौड़ा पीटा पुलिसकर्मियों को, जिलाध्यक्ष ने बताया वे भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं, वहीं विहिप पदाधिकार बच्चूसिंह का कहना है कि कुंभ क्षेत्र में आरएसएस के पदाधिकारी के साथ मारपीट और अभद्रता करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
लेकिन यह हाईवोल्टेज ड्रामा सत्ताधारी पार्टी का होने के कारण मथुरा जिले का पुलिस-प्रशासन अपने आपको बौना समझ रहा है। देखना होगा कि सिर्फ आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ एक्शन होता है या भाजपा और संगठन से जुड़े मारपीट करने वालों पर भी कार्रवाई होगी।