प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश दौरे के दौरान 'आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' की शुरुआत की। जानिए क्या है यह योजना और इससे आमजन को क्या लाभ मिलेगा। यह देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। इस योजना के तहत पिछड़े और आकांक्षी जिलों के साथ-साथ उन जिलों को वरीयता दी जाती है, जहां सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता में वृद्धि करना, चिकित्सा महाविद्यालयों के वितरण में मौजूदा भौगोलिक असंतुलन में सुधार करना और जिला अस्पतालों की मौजूदा अवसंरचना का प्रभावी ढंग से उपयोग करना है।
आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के 3 बड़े पहलू हैं। पहला, डाइग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट के लिए विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है। इसके तहत गांवों और शहरों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं, जहां बीमारियों को शुरुआत में ही डिटेक्ट करने की सुविधा होगी। इन सेंटरों में फ्री मेडिकल कंसल्टेशन, फ्री टेस्ट, फ्री दवा जैसी सुविधाएं मिलेंगी। योजना का दूसरा पहलू, रोगों की जांच के लिए टेस्टिंग नेटवर्क से जुड़ा है। इस मिशन के तहत बीमारियों की जांच, उनकी निगरानी कैसे हो, इसके लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा।
योजना के 3 चरणों के अंतर्गत देशभर में 157 नए चिकित्सा महाविद्यालय मंजूर किए गए हैं जिनमें से 63 चिकित्सा महाविद्यालयों का पहले से ही संचालन किया जा रहा है। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री 'आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' देशभर में स्वास्थ्य ढांचा मजबूत करने वाली एक देशव्यापी व सबसे बड़ी योजना है और यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा।
'आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' का उद्देश्य शहरी व ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक व गंभीर स्वास्थ्य हालातों के लिए सुविधाओं में मौजूदा खाई को पाटने का है। इस योजना के तहत 10 राज्यों में 17,788 ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य और उपचार केंद्रों को सहयोग किया जाएगा। साथ ही सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य व उपचार केंद्रों की स्थापना की जाएगी। पीएमओ ने कहा कि 5 लाख से अधिक की आबादी वाले देश के सभी जिलों में गंभीर रोगी देखभाल केंद्र की स्थापना की जाएगी।
देशभर में प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के माध्यम से लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में नैदानिक सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला की सुविधा मिलेगी। सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वन हेल्थ, 4 नए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, डब्लूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, 9 जैव सुरक्षा स्तर 3 की प्रयोगशालाएं तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में 5 नए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
इस योजना का लक्ष्य ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करके एक आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली का निर्माण करना है। पीएमओ ने कहा कि सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा।