Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

1 फरवरी से इन नियमों में बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

हमें फॉलो करें 1 फरवरी से इन नियमों में बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 31 जनवरी 2024 (08:00 IST)
Rules Change From 1st February 2024 :  फरवरी में कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इसका असर जेब पर पड़ेगा। इसमें बैंकिंग और घरेलू चीजों से जुड़े कई नियम शामिल हैं। जानिए कौनसे नियमों में होगा बदलाव और आप पर पड़ेगा सीधा असर - 
 
1. FASTags पर जुर्माना :  अभी तक जिन लोगों ने FASTags केवाईसी का काम पूरा नहीं किया है। उनके FASTags को बैन या ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फास्टैग केवाईसी अपडेट करने के लिए 31 जनवरी आखिरी तारीख रखी थी। 
 
2. LPG  की कीमतों में बदलाव : कर्मिशियल सिलेंडर के दामों में कटौती की गई थी। उम्मीद हैं कि सरकार घरेलू LPG की कीमतों में भी कुछ राहत दे दे। हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी की दामों की घोषणा की जाती है।  
 
3. नेशनल पेंशन सिस्टम में बड़ा बदलाव :  (National Pension System) के सब्सक्राइबर्स के लिए अच्छी खबर है। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, एनपीएस खाताधारकों के लिए खाते से विड्रॉल के नियमों में बदलाव होने जा रहा है।

अकाउंट होल्डर्स को फरवरी से जमा राशि का केवल 25 प्रतिशत से हिस्सा ही निकालने की अनुमति मिलेगी। नेशनल पेंशन सिस्टम खाताधारक अगर अपने अकाउंट से आंशिक निकासी करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सबसे पहले सेफ डिक्लेरेशन के साथ विड्रॉल रिक्वेस्ट डालना होगा।
 
4. एसबीआई होम लोन में बदलाव : भारतीय स्टेट बैंक (SBI)  स्पेशल होम लोन कैंपेन चला रहा है। इसमें होम लोन पर 65 बीपीएस तक की छूट दी जा रही है। होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस में 31 जनवरी, 2024 तक इस छूट का लाभ लिया जा सकता है। 
 
5. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की चौथी सीरीज 12 फरवरी को जारी होगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अवधि 8  साल के लिए है। इसमें 5वें साल के बाद ब्याज देय तिथि पर समयपूर्व मोचन का ऑप्शन होता है। सदस्यता की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों और समान संस्थाओं के लिए प्रति वित्तीय वर्ष 20 किलोग्राम है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी: क्या हमेशा के लिए मिट जाएंगी दूरियां?