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जुलाई में आपके बजट को बिगाड़ेंगे ये बदले नियम, कहीं मिलेगी राहत तो कहीं बढ़ेगी परेशानी

हमें फॉलो करें जुलाई में आपके बजट को बिगाड़ेंगे ये बदले नियम, कहीं मिलेगी राहत तो कहीं बढ़ेगी परेशानी
, गुरुवार, 1 जुलाई 2021 (17:19 IST)
1 जुलाई 2021 को कई नियमों बदलाव हो गया। आपके जीवन से जुड़ी कई सुविधाओं के नियमों में परिवर्तन हो गया है। साथ रोजमर्रा जीवन से जुड़ी वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी हो गई है, जिससे आपका बजट बिगड़ने वाला है।
 
कीचन का बजट बिगड़ा : LPG रसोई गैस की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी हो गई है। 1 जुलाई से रसोई गैस के साथ ही कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में भारी वृद्धि हो गई है। आज जारी कीमतों के अनुसार रसोई गैस की कीमतें 25.5 रुपए बढ़ गई हैं। पिछली बार अप्रैल में आखिरी बार 14.2 किलो ​के सिलेंडर के दाम बदले थे। तब गैस कंपनियों ने 10 रुपए कीमत घटाई थी। 6 माह में 14.2 किलोग्राम का घरेलू एलपीजी सिलेंडर 140.50 रुपए महंगा हो चुका है।
 
एसबीआई के ग्राहकों को झटका : अगर आप भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक हैं तो 1 जुलाई से नकदी निकालना महंगा पड़ेगा। चेक के प्रयोग के लिए भी अधिक पैसे देने होंगे। एसबीआई 1 जुलाई से नियम में बदलाव करने जा रहा है। अब बैंक से 4 बार से ज्यादा पैसा निकालने पर अतिरिक्त चार्ज देना होगा। इसमें बैंक के एटीएम भी शामिल हैं। 4 बार पैसा निकालने के बाद प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर आपको 15 रुपए और जीएसटी जोड़कर चार्ज देना होगा। सभी नए सर्विस चार्ज बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट खाताधारकों पर लागू होंगे। इन खाताधारकों को 10 चेक लेने पर 40 रुपए प्लस जीएसटी चार्ज लगेगा।
 
छोटी बचत में मिली राहत : छोटी बचतकर्ताओं को संतोष देने वाले एक निर्णय के तहत सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी), लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी लघु बचत योजनाओं पर 1 जुलाई से शुरू होने वाली दूसरी तिमाही के लिए ब्याज दरों को पूर्ववत रखा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में एनएससी पर 6.8 प्रतिशत और पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर बनी रहेगी।
 
ज्यादा कटेगा टीडीएस और टीसीएस : आयकर विभाग द्वारा रिटर्न नहीं भरने वालों से 1 जुलाई से ज्यादा टीडीएस, टीसीएस वसूलने की तैयारी है। यह नियम उन आयकरदाताओं पर लागू होगा जिनका सालाना टीडीएस 50,000 रुपए या इससे ज्यादा होता है। इंकम टैक्स रिटर्न नहीं दाखिल करने वालों के लिए लागू दर से अधिक पर टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है। न्यूनतम 5 प्रतिशत या संबंधित सेक्शन में दिए गए रेट्स का दोगुना में से जो भी अधिक हो, वह रेट होगा।

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