नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) में सरकार की हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने की घोषणा की है। इस ऐलान के बाद हड़कंप मचा हुआ है। केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार के इस फैसले पर पॉलिसी धारकों को डरने की आवश्यकता नहीं है।
LIC के पॉलिसी धारक जहां सरकार के इस फैसले से डरे हुए हैं, वहीं एलआईसी कर्मचारी यूनियन सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
सरकार की एलआईसी में 100 प्रतिशत और आईडीबीआई बैंक में 46.5 फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन अगर आपके पास भी कोई एलआईसी की कोई पॉलिसी है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है।
हिस्सेदारी बेचने पर केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेश (एलआईसी) के पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करेगी। ठाकुर ने कहा कि लिस्टिंग से एलआईसी में पार्दर्शिता आएगी और लोगों की भागीदारी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह एलआईसी और इसके पॉलिसीधारकों के हित में है। हिस्सेदारी की मात्रा के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक बार एलआईसी एक्ट में संशोधन हो जाएगा तो सभी जानकारी सामने आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि एलआईसी के पास एक स्वतंत्र सेटअप है कि जो यह निर्धारित करता है कि उसे कहां निवेश करना है और भविष्य में सामने आने वाली स्थिति में क्या फॉर्मेट रहेगा।