नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने यात्रा बीमा के लिए मानक दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव किया है। इसका उद्देश्य घरेलू के साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान बीमा कवरेज, इसके दायरे से बाहर की चीजों तथा कवरेज की शर्तों में सुनिश्चितता लाना है।
नियामक ने सोमवार को मानक यात्रा बीमा पॉलिसी पर दिशा-निर्देश का मसौदा जारी करते हुए कहा कि इनसे मानक यात्रा बीमा उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसके तहत समूचे उद्योग में यात्रा बीमा कवरेज ओर उसकी शब्दावली समान होगी।
इरडा ने इसके मसौदे पर 6 जनवरी, 2021 तक अंशधारकों से टिप्पणियां मांगी हैं। इसमें मानक शर्तें, ग्राहक सूचना शीट और फाइल फॉर्मेट का इस्तेमाल शामिल है। मसौदे में यात्रा बीमा के दायरे में क्या चीजें होंगी और क्या इसके दायरे से बाहर होंगी, उनका ब्योरा है।
मसौदे के अनुसार यदि बीमित व्यक्ति विदेश में दुर्घटना का शिकार होकर घायल होता है और दुर्घटना के 365 दिन के अंदर उसकी मृत्यु इस एकमात्र वजह से होती है, तो उसके परिजनों को बीमा कंपनी बीमित राशि के बराबर मुआवजे का भुगतान करेगी। यदि दुर्घटना में मृत्यु नाबालिग या 18 साल से कम के व्यक्ति की होती तो बीमा कंपनी पर अधिकतम देनदारी बीमित राशि का 50 प्रतिशत होगी।
घरेलू यात्रा बीमा के संदर्भ में इसमें कहा गया है कि जिसमें बीमित व्यक्ति यात्रा कर रहा है यदि उस साझा परिवहन वाहन की दुर्घटना हो जाती है और दुर्घटना से 365 दिन के अंदर बीमित की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी को बीमित राशि का भुगतान उसके परिजनों को करना होगा।
यात्रा बीमा पॉलिसी के दायरे में उड़ान पकड़ने से चूकना, चेकइन सामान का गायब होना, यात्रा में विलंब होना और पासपोर्ट गुम होना भी आएगा। (भाषा)