नई दिल्ली। सरकार ने कोरोनामहामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में आई मंदी से निपटने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान देने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यहां बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार के घोषित पैकेज के एक हिस्से के रूप में इस वर्ष जून से लेकर अगस्त तक की 3 महीने की अवधि के लिए कर्मचारी भविष्य निधि में कर्मचारियों के 12 प्रतिशत एवं नियोक्ताओं के 12 प्रतिशत, कुल 24 प्रतिशत का अंशदान सरकार करेगी।
उन्होंने बताया कि यह मंजूरी 15 अप्रैल 2020 को अनुमोदित मार्च से मई के वेतन महीनों की वर्तमान योजना के अतिरिक्त है। नई योजना का कुल अनुमानित व्यय 4,860 करोड़ रुपए होगा, इससे 3.67 लाख प्रतिष्ठानों के 72 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि वे ऑर्गनाइजेशन या कंपनी जहां पर 100 से कम कर्मचारी हैं जिनमें 90 प्रतिशत का वेतन 15 हजार रुपए से कम है, उन्हें इसका सीधा फायदा पहुंचेगा। (एजेंसियां)