क्‍या आपको पता है क्‍या होता है बारकोड और कैसे करता है काम?

Webdunia
शनिवार, 8 जनवरी 2022 (15:07 IST)
आजकल हर एक प्रोडक्‍ट के लिए एक यूनिक बारकोड होता है। आपने देखा होगा कि जब आप मॉल में शॉपिंग करते हैं तो बिल बनाने वाला बारकोड स्‍कैन कर के बिल बनाता है।

बारकोड को स्कैन करते ही उस प्रोडक्ट की पूरी डिटेल कंप्यूटर में आ जाती है और उसके बाद बिल बन जाता है। इस बारकोड में कुछ लाइनें होती हैं, जिनका एक सेट पैटर्न है।

इस पैटर्न और बारकोड पर लिखे नंबर से प्रोडक्ट के बारे में पता चलता है और बारकोड स्कैनर कुछ ही सेकेंड में इसे स्कैन कर लेता है। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि बारकोड कैसे काम करता है, क्‍या है इसकी खासियत और क्‍या है इस पर लिखे नंबरों का मतलब।

क्या है बारकोड?
बारकोड किसी उत्पाद के बारे में आंकड़ों या सूचना को लिखने का एक तरीका है। ये एक मशीन रीडेबल कोड है, जो नंबर और लाइनों के फॉरमेट में होता है। इसमें कुछ गैप के साथ अलग अलग सीधी लाइनें होती हैं। बारकोड में किसी उत्पाज से संबंधित सभी जानकारियां जैसे- मूल्य, मात्रा, उत्पादन का साल, बनाने वाली कंपनी का नाम, उत्पादन की तारीख जैसे कई जानकारी शामिल होती हैं।

बारकोड की खास बात ये है कि हर एक वस्तु के लिए यूनिक बारकोड होता है। यह किसी भी दूसरे बारकोड से मैच नहीं करता है और पूरी तरह से अलग होता है। बारकोड एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से दिया जाता है और इसे ऑनलाइन माध्यम से जनरेट किया जा सकता है।

बारकोड दो तरह के होते हैं?
अगर बारकोड के प्रकारों की बात करें तो यह दो तरह का होता है। एक तो साधारण बारकोड, जिसे 1डी बारकोड कहा जाता है। इसमें समानांतर कई लाइनें होती हैं और दूसरा बारकोड एक डिब्बे में होता है, जिसे लोग क्यूआर कोड भी कहते हैं। क्यूआर कोड की खास बात ये है कि इसमें ज्यादा डेटा आ जाता है और स्कैन करने में ज्यादा फ्रेंडली होता है।

एक बारकोड के कई हिस्से होते हैं, जैसे कि एक गाड़ी के नंबर प्लेट के हिस्से होते हैं। नंबर प्लेट में अलग अलग कोड होते हैं, जो उस गाड़ी के बारे में बताते हैं, ऐसा ही बारकोड में होता है। जैसे पहले तीन नंबर किसी भी देश के बारे में बताते हैं, फिर अगले तीन नंबर मैन्युफेक्टर का कोड और अगले चार नंबर प्रोडक्ट कोड के बारे में बताता है और आखिरी में एक चेक डिजिट होता है।

जैसे बारकोड की सेंट्रल लाइन के पास वाला नंबर बताता है कि यह किस से बना है, जैसे प्राकृतिक चीजों से बना है या फिर प्लास्टिक आदि किसी पदार्थ से। इस नंबर से यहां तक पता चल जाता है कि प्रोडक्ट शाकाहारी है या मांसाहारी या फिर फार्मेसी से जुड़ा उत्पाद है।

कैसे प्रोडक्‍ट को करता है रीड?
कम्प्यूटर 0,1 यानी बाइनरी कोड की भाषा समझता है, वैसे ही इस बारकोड को भी 0 और 1 की भाषा में अलग अलग विभागों में बांट दिया जाता है। इसमें 1डी बारकोड को 95 खानों में बांट दिया जाता है और इसमें भी 15 अलग अलग सेक्शन बांट दिए जाते हैं।

इसमें सबसे बाईं तरह के सेक्शन को लेफ्ट गार्ड और सबसे दाईं साइड को राइट गार्ड और सेंटर गार्ड में बंटा होता है। इसे रीडर बाएं से दाएं की तरफ बढ़ता है और बाइनेरी भाषा के हिसाब से इसे रीड किया जाता है और कंप्यूटर पर इसकी पूरी डिटेल सामने आ जाती है।

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