Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मुनव्वर राना की ग़ज़ल

हमें फॉलो करें मुनव्वर राना की ग़ज़ल
WD
WD
कई घर हो गए बरबाद ख़ुद्दारी बचाने में
ज़मीनें बिक गईं सारी ज़मींदारी बचाने में

कहाँ आसान है पहली मुहब्बत को भुला देना
बहुत मैंने लहू थूका है घरदारी बचाने में

कली का ख़ून कर देते हैं क़ब्रों की सजावट में
मकानों को गिरा देते हैं फुलवारी बचाने में

कोई मुश्किल नहीं है ताज उठाना पहन लेना
मगर जानें चली जाती हैं सरदारी बचाने में

बुलावा जब बड़े दरबार से आता है ऐ 'राना'
तो फिर नाकाम हो जाते हैं दरबारी बचाने में

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi