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अच्छाई को बोया कर...
अजीज अंसारी
घर से बाहर निकला करदुनिया को भी देखा करफसलें काट बुराई कीअच्छाई को बोया करनेकी डाल के दरिया मेंअपने आपसे धोखा करसबको पढ़ता रहता हैअपने आप को समझाकरबूढ़े बरगद के नीचेदिल टूटे तो बैठा करमेहफिल-मेहफिल हंसता हैतनहाई में रोया करदुनिया पीछे आएगीदेख तो दुनिया ठुकराकरपढ़के सब कुछ सीखेगादेख के भी कुछ सीखा करदुश्मन हों या दोस्त 'अजीज'सबको अपना समझा कर।