उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब तक रूझानों और रिजल्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़ी जीत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रहे है। अब तक आए चुनाव नतीजों के मुताबिक भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ आसानी से बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है। सत्ता में वापसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वह मिथक भी तोड़ दिया जिसमें कोई पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर पाती थी। बुल्डोजर बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले योगी आदित्यनाथ सत्ता में वापसी के साथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के साथ उसक मिथक को भी तोड़ देंगे जिसमें यह कहा जाता रहा है कि उत्तर प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री रिपीट नहीं होता है। आखिरी क्यों चुनावी रण में बाबा विरोधियों पर भारी पड़ते दिख रहे है, पढ़ें विशेष रिपोर्ट।
1-सुशासन सरकार का छवि- उत्तर प्रदेश में अगर योगी आदित्यनाथ दोबारा से सत्ता में वापसी कर रहे है तो इसका सबसे बड़ा कारण उनकी सुशासन वाली सरकार की इमेज रही। चुनाव में भाजपा योगी सरकार की सुशासन की छवि को मुख्य मुद्दा बनाकर वोटरों के बीच ले जाने में सफल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्ननाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई ने उनको एक बड़े वर्ग के बीच लोकप्रिय बना दिया। चुनावी रण में भाजपा के स्टार प्रचारकों ने सपा सरकार से योगी सरकार के समय की तुलना कर जनता के बीच मैसेज देने का काम किया।
2-80 बनाम 20 का ध्रुवीकरण कार्ड- उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ध्रुवीकरण की सियासत के धुंरधर है। योगी आदित्यनाथ ने 80 बनाम 20 फीसदी के अपने ध्रुवीकरण कार्ड से भाजपा की चुनावी नैय्या को पार लगा दिया है। दरअसल चुनावी रण में योगी के इस बयान का सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश की 80 फीसदी हिंदू आबादी और 20 फीसदी मुस्लिम आबादी से था। चुनाव में ध्रुवीकरण का एजेंडा सेट करते हुए योगी लगभग हर मंच यह कहते हुए दिखाई दिए कि 80 फीसदी समर्थक एकतरफ होगा, 20 फीसदी दूसरी तरफ होगा,मुझे लगता है कि 80 फीसदी सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे जबकि 20 फीसदी ने हमेशा विरोध किया है, आगे भी विरोध करेंगे। योगी के इस बयान ने गैर मुस्लिम एक बड़े वोट बैंक को योगी आदित्यनाथ के साथ खड़ा कर दिया और वह सत्ता में वापसी करते हुए दिखाई दे रहे है।
3-कट्टर हिंदुत्व का चेहरा- गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ उस हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे रहे, जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का सबसे बड़ा हथियार रहा। भाजपा ने अपना पूरा चुनाव प्रचार हिंदुत्व के आसपास रखा। हिंदुत्व का यह कार्ड वोटरों का ध्रुवीकरण करने में सफल रहा और भाजपा ने आसानी से सत्ता में वापसी कर ली।
4-कट्टर प्रशासक की छवि- उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा की जीत का बड़ा कारण योगी आदित्यनाथ की कट्टर प्रशासक की छवि रही। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में योगी आदित्नयाथ की इसी कट्टर प्रशासक छवि को खूब भुनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अपने चुनावी मंचों पर उत्तर प्रदेश में पांच साल में एक भी दंगा नहीं होने का दावा करने के साथ अपराधियों को जेल के पीछे होने की हुंकार भरते हुए दिखाई दिए। अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर मुख्यमंत्री के रुप में पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी चुनावी मंचों से अपराधियों के खिलाफ जमकर हुंकार भरते हुए दिखाई देते रहे। पांच साल के अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर अपनी छवि एक कट्टर प्रशासक के तौर पर पेश की है।
5-मोदी-योगी की जोड़ी- उत्तर प्रदेश में भाजपा की वापसी का सबसे कारण मोदी और योगी की डबल इंजन वाली सरकार का भाजपा का नारा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में दो दर्जन से अधिक सभाएं और रोड शो किया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 179 चुनावी जनसभाएं और रोड शो कर अपनी सरकार के कामकाज को जनता तक पहुंचाया।
6-योगी की ईमानदार छवि-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेदाग छवि और सादगीपूर्ण जीवन उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में भाजपा का सबसे बड़ा चुनावी हथियार बना। गेरूआ वस्त्र पहने योगी की दिनचर्या से लेकर उनके राजनीति करने के तरीके ने एक बड़े वोट बैंक साधने का काम किया, जिसका फायदा भाजपा को चुनाव में मिला। इसके साथ एक योगी के रूप में मुख्यमंत्री की छवि उत्तर प्रदेश की एक बड़ी आबादी को आकृषित करती है।