लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 15 जनवरी के बाद कभी भी विधानसभा चुनाव 2022 की घोषणा चुनाव आयोग कर सकता है, जिसको लेकर सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं और अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुटी हुई हैं, लेकिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी बीजेपी के लिए सिरदर्द बनते चले जा रहे हैं, जहां विपक्ष अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे को लेकर मोर्चा खोले हुए है तो वहीं अजय मिश्रा टेनी विवादों में घिरते चले जा रहे हैं।
जहां अभी तक किसानों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा था तो वहीं अब पत्रकार संगठन ने भी गृह राज्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और जगह-जगह पत्रकार संगठन उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी आलाकमान ने चुप्पी साध रखी है। बीजेपी आलाकमान की यह चुप्पी कहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बेहद भारी न पड़ जाए। ऐसा हम नहीं अब यूपी के आम लोग कहते हुए नजर आ रहे हैं।
सर्वे में दिखा बीजेपी को भारी नुकसान : उत्तर प्रदेश के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कई संस्थाएं/ टीवी चैनल चुनावी सर्वे करने में लगी हुई हैं। ऐसे ही एक संस्था/ एक टीवी चैनल ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर एक सर्वे किया, जिसके आंकड़े बेहद चौंकाने वाले आए।
सर्वे के मुताबिक 79 फीसदी लोग मानते हैं कि अगर बीजेपी ने अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई नहीं की तो उत्तर प्रदेश के अंदर भारी नुकसान चुनाव के दौरान बीजेपी को उठाना पड़ सकता है। वहीं 21 फीसदी लोग कहते हैं कि अजय मिश्रा टेनी पर अगर कोई कार्रवाई करें या न करें लेकिन इसका कोई प्रभाव विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा।
क्या बोले राजनीतिक जानकार : राजनीतिक जानकार, वरिष्ठ पत्रकार, अभिषेक कुमार कहते हैं कि बीजेपी की यह चुप्पी उन्हें बेहद भारी पड़ने वाली है और किसानों के साथ-साथ पत्रकारों का विरोध भी आगामी चुनाव में बीजेपी को देखने को मिल सकता है।इसलिए समय रहते बीजेपी आलाकमान को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर कड़ा निर्णय लेना ही पड़ेगा वरना इसका नतीजा यूपी के 2022 के चुनाव में साफतौर पर देखने को मिलेगा।