लखनऊ। उत्तरप्रदेश में 2022 में एक बार फिर सरकार बनाने के लिए भाजपा ने उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का फॉर्मूला लगभग तय कर लिया है और पार्टी के फॉर्मूले के अनुसार उत्तरप्रदेश में विधानसभाओं में सर्वे कराया गया है। इस सर्वे का नतीजा बेहद चौंकने वाला सामने आया है जिसके चलते कई माननीय मंत्री व विधायकों की टिकट कट सकती और उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
सर्वे में माननीय हुए फेल : पार्टी सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए भाजपा उत्तरप्रदेश के लिए नई रणनीति तैयार कर रही है। इसके चलते पार्टी द्वारा कई अलग-अलग सर्वे पूरे प्रदेश में भाजपा के तत्कालीन विधायकों को लेकर करवाया गया है और मंत्रियों के साथ-साथ विधायकों का एक रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया गया है। इसमें भाजपा प्रदेश में लगभग 130 विधायकों व 8 मंत्रियों की टिकट काटकर नए चेहरों को मौका देने वाली है। इसके पीछे की मुख्य वजह सर्वे रिपोर्ट में बेहद खराब नंबर मिलना माना जा रहा है।
निष्क्रियता बनी सबसे बड़ा कारण : सूत्रों की मानें तो सर्वे टीम ने गांव-गांव जाकर जमीनी कार्यकर्ताओं व आम लोगों से बातचीत करने के बाद रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट कार्ड के अनुसार जमीनी स्तर पर भाजपा के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता भी अपने कुछ विधायकों व कुछ मंत्रियों से नाराज हैं और वहीं आम जनता के बीच भी तत्कालीन कुछ विधायकों की छवि बेहद खराब बनी हुई है। इसकी मुख्य वजह उनकी विधानसभा में कुछ विधायकों व मंत्रियों की निष्क्रियता मानी जा रही है। अगर ऐसे में टिकट परिवर्तन नहीं किया गया तो अन्य दलों को इसका फायदा मिल सकता है।
यह रिपोर्ट सर्वे टीम द्वारा दी जाने के बाद प्रदेश व केंद्रीय स्तर पर विचार-विमर्श का दौर जारी है। सूत्र बताते हैं लगभग 130 माननीय विधायकों व 8 मंत्रियों की टिकट कटना तय माना जा रहा है और इनकी जगहों पर नए चेहरे उतारने की तैयारी भाजपा ने कर भी ली है।
क्या बोले जानकार? : वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार की मानें तो भाजपा उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर तैयारी में जुटी हुई है और वह किसी भी प्रकार से सत्ता को अपने हाथ से निकलने नहीं देगी। इसके लिए निश्चित तौर पर संभव है कि कई टिकटें कट सकती हैं और कई नए चेहरों को मौका मिल सकता है। लेकिन कितने टिकट कटेंगे? इसके बारे में कहना संभव नहीं होगा। लेकिन यह बात सही है कि भाजपा ने अपने हर एक विधायक का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है और देखना होगा कि ऐसे कितने विधायक हैं, जो भाजपा के मानकों पर खरे उतरे हैं?