नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन के प्रस्ताव पर भाजपा की ओर से कोई जवाब न मिलने पर जद (यू) ने शनिवार को 26 सीट की सूची जारी की, जिस पर वह चुनाव लड़ेगी और कहा कि पार्टी कम से कम 51 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी।
जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता एवं केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने शुरू में गठबंधन के लिए भाजपा के राजी होने की बात कही थी और यदि जद (यू) ने इसके बाद इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं किया होता, तो वह उत्तर प्रदेश में अधिक ताकत के साथ और अधिक सीटों पर चुनाव लड़ता।
उन्होंने बार-बार उल्लेख किया कि यह आरसीपी सिंह थे जिन्हें जद (यू) नेतृत्व ने भाजपा नेताओं से बात करने के लिए अधिकृत किया था तथा कोई अन्य व्यक्ति इसका हिस्सा नहीं था। ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने केंद्रीय मंत्री के कहने पर इतने लंबे समय तक इंतजार किया और अब वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के निर्णय के साथ आगे बढ़ रही है क्योंकि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी के सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी हैं तथा उन्होंने जद (यू) का कोई जिक्र नहीं किया।
आरसीपी सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है और वह जद (यू) के प्रमुख नेता हैं, लेकिन मोदी सरकार में जगह प्राप्त करने वाले पार्टी के एकमात्र सदस्य बनने के बाद पार्टी में उनके गिरते महत्व को लेकर अटकलें लगाई जाती रही हैं। वह जद (यू) के अध्यक्ष थे और उनके केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ललन सिंह के लिए इस पद का मार्ग प्रशस्त हुआ।
ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने 51 से अधिक सीट पर लड़ने के लिए पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अनूप पटेल को उम्मीदवारों के नाम इत्यादि तय करने के लिए अधिकृत किया है। जद (यू) अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जिन सीट की सूची जारी की है, उनमें रोहनिया भी शामिल है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधित्व वाले वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पड़ती है।
हालांकि जद (यू) अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के फैसले का बिहार में भाजपा के साथ उसके संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जद (यू) ने कई राज्यों में भाजपा के साथ गठबंधन किए बिना चुनाव लड़ा है।
ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में अरुणाचल प्रदेश में सात सीट जीती थीं, लेकिन भाजपा ने बाद में उनमें से छह विधायकों को अपने पाले में कर लिया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीट के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा।