मेरठ सिवालखास सीट पर भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल सिंह का विरोध कम नहीं हो रहा है। शनिवार को भाजयुमो की पश्चिमी उत्तरप्रदेश प्रभारी एवं अंतरराष्ट्रीय रेसलर बबीता फोगाट दबुथवा में मनिंदर पाल सिंह के लिए घर-घर जनसंपर्क कर रही थीं। इस दौरान उनके साथ मनिंदर की पत्नी सिम्पल सिंह भी थी।
आरोप है कि तभी गठबंधन सपा-रालोद के कुछ लोगों ने महिलाओं के प्रचार काफिले पर हमला बोल दिया। गनीमत रही की बबीता और उनके साथ जनसम्पर्क में शामिल किसी महिला को गंभीर चोट नही आई। बीचबचाव में आए दो-तीन लोग चोटिल भी हुए हैं।
दबथुआ में हुए इस हमले पर बबीता फोगाट बोलीं कि इस तरह से घटना का होना मेरे प्रचार पर किसी तरह का प्रभाव नहीं डालता। मैं तो इन्हीं काटों से निकली हूं, इन्हीं कांटों में पैदा हुई हूं और इन्हीं काटों के बीच में हम कमल खिलाकर ले जाएंगे। बबीता फोगाट ने हमला करने वाले लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि बहन-बेटियों की इज्जत पर हाथ उठाने वालों शर्म करो।
बबीता ने कहा है कि दबुथवा गांव में महिला पर जो के बदतमीजी की गई, वह गठबंधन की हताशा है। इसके चलते उन्होंने गाड़ियों पर डंडे बरसाए हैं। डंडे के वार से बबीता का गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हुई है। इस पर रेसलर बबीता ने कहा कि आज तक इस तरह के वीडियो देखें और सुने थे, लेकिन अब हकीकत में देख लिए हैं। ये सब देखकर चौधरी अजीत साहब की कही गई लाइनें सच हो गई हैं कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा उसके अंदर बैठा गुंडा। ये सब बातें अजीत सिंह के अनुभव और झेली गई बातें थीं, लेकिन अब जयंत चौधरी खुद गुंडों की गोद में जाकर बैठ गए हैं।
मेरठ एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि बबीता फोगाट मनिंदर पाल के लिए प्रचार कर रही थीं। इसी दौरान दूसरी पार्टी के एक व्यक्ति ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इसको लेकर सतेन्द्र से कहासुनी और मारपीट हो गई। तहरीर के आधार फर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यदि इस संदर्भ में बबीता भी शिकायत करती हैं तो सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होगा।
सिवालखास सीट से भाजपा ने मनिंदर पाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है, वहीं सपा-रालोद गठबंधन में गुलाम मोहम्मद को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है। दोनों प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। रालोद कार्यकर्ताओं व समर्थकों के द्वारा जगह-जगह मनिंदर पाल का विरोध हो रहा है। अभी तक हाथ में झंडे लेकर विरोध था, लेकिन अब आरोप लगा है कि रालोद के लोगों ने डंडे लेकर मारपीट करते हुए विरोध किया है। इस तरह का विरोध प्रजातांत्रिक नहीं कहा जा सकता है।