मेरठ। मेरठ में सोमवार शाम भाजपा प्रत्याशी चौधरी मनिंदर पाल सिंह के काफिले पर विरोध के बाद पथराव हुआ है। इस सिवालखास विधानसभा के जाट बाहुल्य इलाके छुर्र गांव में आरएलडी (राष्ट्रीय लोक दल) समर्थकों ने हाथ में झंडे लेकर हमला किया है। ग्रामीणों ने 'भाजपा प्रत्याशी मुर्दाबाद' के नारे लगाए। गनीमत रही कि हमले के समय मनिंदर सुरक्षित आगे निकल गए, लेकिन 3-4 गाड़ियां के शीशे टूट गए।
जानी थाना क्षेत्र के छुर्र गांव में राष्ट्रीय लोकदल के झंडे लहराते हुए कुछ लोग सड़क पर आ गए और भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल के काफिले को रोकते हुए आगे खड़े हो गए और झंडे के डंडे से गाड़ी पर हमला करते हुए नारेबाजी करने लगे। मनिंदर पाल का काफिला जैसे ही आगे बढ़ने लगा तो एक स्कॉर्पियो गाड़ी पर हमला कर दिया गया। गाड़ी पर पथराव करते हुए 2-3 गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। हालांकि इस दौरान मनिंदर पाल की गाड़ी तेजी से निकाल गई।
लेकिन इस बात से साफ होता है कि इस बार किसानों में भाजपा के प्रति काफी गुस्सा है, खासतौर से जाट बाहुल्य गांव के अंदर भाजपा की मुखालफत हो रही है। 2017 में सिवालखास सीट से भाजपा ने जितेंद्र पाल सतवाई को उतारा गया था, जो कि विधायक भी बने, लेकिन अब 2022 में उनका टिकट काटते हुए मनिंदर पाल को प्रत्याशी बना दिया गया है।
जाट बाहुल्य इस सीट पर मनिंदर पाल को टिकट मिलने के बाद से ही विरोध हो रहा था। भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर स्थानीय लोगों ने बाहरी प्रत्याशी होने की बात कहते हुए मनिंदर के विरोध में धरना भी दिया था। वहीं अब राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा प्रत्याशी का विरोध करना शुरू कर दिया है और अपने गांव से भाजपा के काफिले को खदेड़ना शुरू कर दिया है।
पुलिस के एसपी देहात केशव कुमार का कहना है कि एक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हाथ में झंडे लेकर गाड़ियों के काफिले पर हमला किया है। जिस पार्टी पर हमला हुआ है, उसकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। वहीं कोरोना नियमों का उल्लंघन होने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
10 फरवरी को प्रथम चरण में यहां मतदान होगा, लेकिन यहां गठबंधन के प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद और भाजपा प्रत्याशी मनिंदर के बीच कड़ा मुकाबला है। मनिंदर ही जाट बिरादरी से तो गुमाम मुस्लिम बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और दोनों ही प्रत्याशियों का सिवालखास क्षेत्र में विरोध है। मनिंदर पाल को बाहरी प्रत्याशी बताकर भाजपा कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं, वही दूसरी तरफ सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद का विरोध हुआ है।
गठबंधन में सपा से पूर्व में विधायक रह चुके सपा गुलाम मोहम्मद को इस बार रालोद के सिंबल पर टिकट दिया गया है। लेकिन गुलाम मोहम्मद का रालोद समर्थकों ने यह कहते हुए विरोध किया कि रालोद के जाट कार्यकर्ता को टिकट मिलें।
सिवालखास से दोनों ही प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अब मैदान में अपने जनाधार जुटाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। गठबंधन और भाजपा पार्टी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता टिकट को लेकर नाराज हैं। ऐसे में कई इसका फायदा कोई तीसरी पार्टी न उठा ले?