नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश किया जिसमें व्यक्तिगत या नौकरीपेशा लोगों को कर में कोई में राहत नहीं दी गई है और कर दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी कर दरें और व्यवस्था बनी रहेंगी। डिजिटल करेंसी में लेनदेन करने वालों को इससे होने वाली आय पर 30 फीसदी कर चुकाना होगा।
सीतारमण ने कहा कि डिजिटल करेंगी की खरीद पर होने वाले व्यय को छोड़कर कोई छूट नहीं दी जायेगी। नुकसान होने पर भी कोई राहत नहीं मिलेगी। एक निर्धारित सीमा से अधिक की वर्चुअल संपदाओं के हस्तातंरण पर एक फीसदी टीडीएस लेगा। इसको उपहार के तौर पर देने पर भी कर लगेगा। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर अधिभार को 15 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कार्पोरेट कर की दर को मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही 31 मार्च 2023 तक स्थापित होने वाले स्टार्टअप को भी कर प्रोत्साहन का लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों पर लगने वाले न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की दर को 18 प्रतिशत से कम कर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके साथ ही नई पेंशन स्कीम में राज्य कर्मचारियों की भागीदारी के लिए 10 प्रतिशत पर मिलने वाली कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि छापे के दौरान बरामद और जब्त अघोषित आय के लिए किसी तरह के नुकसान को समायोजित करने अनुमति नहीं होगी। आय पर किसी तरह के अधिभार या उपकर को कारोबारी व्यय के तौर पर नहीं दिखाया जा सकेगा।