चेन्नई। प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन ने 2020-21 के केंद्रीय बजट की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्हें बहुत ही खुशी है कि सरकार ने कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की है। प्रोफेसर स्वामीनाथन ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि देश में अधिकतर लोगों का व्यवसाय कृषि है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण बजट में प्रमुख विषयों की सांख्यिकी और बौद्धिक आधारशिला रखता है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में 2020-21 का बजट प्रस्तुत किया।
प्रोफेसर स्वामीनाथन ने कहा कि एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि हमें किसानों और कृषि क्षेत्र की मदद करने के लिए संपूर्णतावादी नीति को स्वीकार करना होगा। 1960 के दशक में हरित क्रांति के दौरान प्रौद्योगिकी, तकनीकी बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण के अलावा आंतरिक और विदेशी व्यापार पर विस्तार से ध्यान दिया गया था।
केंद्र सरकार ने कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए वर्ष 2020-21 में 2.83 लाख करोड़ का आवंटन करने की घोषणा की है।
वित्तमंत्री ने शनिवार को लोकसभा में वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। किसानों की आय कृषि के अलावा पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन व नई-नई प्रौद्योगिकी के माध्यम से बढ़ाई जाएगी।
प्रोफेसर स्वामीनाथन ने कहा कि इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण कृषि क्षेत्र को तकनीकी तौर पर उन्नत बनाने पर जोर देता है, जैसा कि हरित क्रांति के दौरान हुआ था। इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक निवेश की आवश्यकता होगी और किसानों को प्रभावी सेवाएं भी उपलब्ध करानी होंगी।
महान कृषि वैज्ञानिक ने सीतारमण की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृषि और मत्स्य क्षेत्र के विकास के लिए बजट में स्पष्ट नीति का उल्लेख किया गया है।