नई दिल्ली। सरकर ने शेयरों में निवेश से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगाने का गुरुवार को प्रस्ताव किया। यह कर एक लाख रुपए से अधिक के लाभ पर होगा और सरकार के इस प्रस्ताव से शेयर बाजारों को झटका लगा।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए एक लाख रुपए से ज्यादा के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव किया। इस घोषणा के तुरंत बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई।
जेटली ने कहा कि 31 जनवरी 2018 की तिथि तक शेयरों में निवेश से होने वाले पूंजीगत लाभ को इस नई कर व्यवस्था से छूट होगी, पर उसके बाद के पूंजीगत लाभ पर नए प्रावधान के तहत कर लगेगा। जेटली ने कहा कि शेयर बाजारों से रिटर्न काफी आकर्षक है और अब समय आ गया है कि उसे पूंजीगत लाभ कर के दायरे में लाया जाए।
आर्थिक वृद्धि के लिए जीवंत शेयर बाजार की अहमियत स्वीकार करते हुए जेटली ने कहा कि वे वर्तमान व्यवस्था में एक मामूली बदलाव का प्रस्ताव कर रहे हैं। इसके साथ ही वित्तमंत्री ने इक्विटी केंद्रित म्युचुअल फंड द्वारा वितरित आय पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का भी प्रस्ताव किया है ताकि विकास उन्मुख फंडों और लाभांश वितरक फंडों के लिए समान अवसर संभव हो सके। (भाषा)