Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ग़ाज़ा: WHO को पोलियो टीकाकरण के लिए मिली अनुमति

हमें फॉलो करें ग़ाज़ा: WHO को पोलियो टीकाकरण के लिए मिली अनुमति

UN

, शुक्रवार, 30 अगस्त 2024 (12:17 IST)
ग़ाज़ा में हिंसक टकराव के कारण बड़ी संख्या में अस्थाई शरण स्थलों पर रह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गुरूवार को न्यूयॉर्क में एक आपात बैठक हो रही है, जिसमें ग़ाज़ा व पश्चिमी तट में व्याप्त संकट व मध्य पूर्व क्षेत्र में चिन्ताजनक घटनाक्रम पर चर्चा होगी।

यह बैठक ब्रिटेन के अनुरोध पर बुलाई गई है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसराइल के साथ समझौता होने की घोषणा की है, जिससे ग़ाज़ा में रविवार से सामूहिक पोलियो टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाना सम्भव होगा। इसके लिए सिलसिलेवार ढंग से मानवीय आधार पर लड़ाई पर विराम लगाया जाएगा।

सुरक्षा परिषद की आपात बैठक, ग़ाज़ा संकट के साथ-साथ, पश्चिमी तट में इसराइली बस्तियों के बाशिन्दों व इसराइली सुरक्षा बलों की बढ़ती हिंसा की पृष्ठभूमि में हो रही है।

ग़ाज़ा में विश्व खाद्य कार्यक्रम की टीम के गोलीबारी के चपेट में आने के बाद यूएन एजेंसी ने अस्थाई तौर पर अपना सहायता अभियान रोकने की घोषणा की है।

ग़ौरतलब है कि फ़लस्तीन में 25 वर्षों में पहली बार पिछले सप्ताह पोलियो का पहला मामला दर्ज किया गया। ग़ाज़ा में एक दस महीने के लड़के के पोलियो से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उसका जन्म हिंसक टकराव के दौरान हुआ था और इस वजह से टीकाकरण नहीं हो पाया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के उप प्रमुख माइक रायन ने बताया कि ग़ाज़ा में दो दौर का पोलियो टीकाकरण अभियान इस रविवार 1 सितम्बर को आरम्भ होगा। फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) अन्य यूएन संगठनों के साथ समन्वय में पोलियो टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने की तैयारी में जुटी है।

मगर डॉक्टर रायन के अनुसार ग़ाज़ा में मानवीय सहायता वितरण की मौजूदा प्रक्रिया व व्यवस्था में पोलियो टीकाकरण अभियान के लिए बड़े बदलाव किए जाने होंगे।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान को कहीं अधिक बड़े स्तर पर तेज़ गति से संचालित करने की आवश्यकता है और इस प्रक्रिया में किसी भी अवरोध को हटाया जाना होगा।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने आगाह किया कि ग़ाज़ा में पोलियो संक्रमण का मामला दर्शाता है कि कितनी तेज़ी से संक्रामक बीमारियां उन क्षेत्रों में उभर सकती हैं, जहां स्वास्थ्य प्रणालियां कमज़ोर हो जाती हैं।

‘अनेक अन्य बीमारियां फैल रही हैं, जबकि उनकी रोकथाम, पता लगाने और जवाबी कार्रवाई के लिए हमारी सामूहिक क्षमता अब भी अवरोधों से जूझ रही है’ ग़ाज़ा में पोलियो टीकों की 12 लाख से अधिक ख़ुराकें पहुंचाई गई हैं और जल्द ही चार लाख अतिरिक्त ख़ुराकें वहां पहुंचेंगी।

टीकाकरण अभियान के लिए दो हज़ार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों व सामुदायिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। डॉक्टर रायन ने ज़ोर देकर कहा कि इन सभी कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी दी जानी होगी। ग़ाज़ा में 25 वर्षों बाद पोलियो बीमारी की पुष्टि हुई है। UN News/Ziad Taleb ग़ाज़ा में 25 वर्षों बाद पोलियो बीमारी की पुष्टि हुई है।

बदतरीन हालात : मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) की कार्यवाहक प्रमुख जॉयस म्सूया ने सदस्य देशों को बताया कि ग़ाज़ा पट्टी में हालात हताशा से भी परे हैं और इन परिस्थितियों में पोलियो के फैलाव को रोकने के लिए मानवीय सहायताकर्मी निरन्तर प्रयासरत हैं।

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्ष अक्टूबर में ग़ाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 40 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 93 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या बच्चों व महिलाओं की है।

बताया गया है कि 17 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी बच्चे अपने परिजन व संरक्षकों से बिछुड़ गए हैं। उधर इसराइल में फ़लस्तीनी बन्दियों के साथ बुरा बर्ताव किए जाने की ख़बरें लगातार मिल रही हैं। जॉयस म्सूया ने कहा कि मानवतावादी अभियान पहले से ही चुनौतियों से जूझ रहा था और अब यह और मुश्किलों का सामना कर रहा है।

पिछले सप्ताह के दौरान, हमारी टीम विस्थापित हुई हैं, और उन पर गोलियां भी चलाई गई हैं। ‘हमने अपने कार्यालयों व भंडारण केन्द्रों को खो दिया है, और पहले से ही सीमित आपूर्ति ख़त्म होती जा रही है’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के कर्मचारियों के वाहन पर दो दिन पहले गोलीबारी हुई, जबकि उस वाहन को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया था। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।

वहीं, इसराइली सेना द्वारा बेदख़ली आदेश किए जाने के मामले बढ़े हैं, जिनका आम ग़ाज़ावासियों पर गम्भीर असर हो रहा है। अगस्त महीने में जगह ख़ाली करने के 16 आदेश जारी किए जा चुके हैं। इनसे डेयर अल-बालाह, ख़ान यूनिस और उत्तरी ग़ाज़ा में 33 इलाक़ों की आबादी प्रभावित हुई है।

इन चुनौतियों के बावजूद मानवीय सहायताकर्मी ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत पहुंचाने में जुटे हैं और पोलियो टीकाकरण अभियान की तैयारी कर रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

JMM विधायक रामदास सोरेन ने ली मंत्री पद की शपथ, चंपई सोरेन की ली जगह