लेबनान में जान-माल का भयावह नुकसान, युद्ध रोकने की अपील

UN
मंगलवार, 5 नवंबर 2024 (19:26 IST)
इसराइल ने लेबनान की राजधानी में भी भीषण हमले किए हैं, जिनमें जानमाल का भारी नुक़सान हुआ है।  
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने चिन्ता जताई है कि इसराइली सैन्य बलों और हिज़बुल्लाह चरमपंथियों के बीच लड़ाई का लेबनान के आम नागरिकों पर गहरा असर हो रहा है। उन्होंने हताहत होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ने की निन्दा की है और तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की अपील दोहराई है।

यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने दोहराया कि सभी युद्धरत पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तयशुदा दायित्व का निर्वहन करना होगा। साथ ही आम नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा की जानी होगी।

उन्होंने बताया कि लेबनान व इसराइल को अलग करने वाली सीमा रेखा, ‘ब्लू लाइन’ पर यूएन शान्तिरक्षा मिशन (UNIFIL) के तहत शान्तिरक्षक तैनात हैं, मगर मौजूदा टकराव का उन पर भी असर हुआ है।

दक्षिणी लेबनान में शान्तिरक्षकों ने बताया कि इसराइली सैन्य अभियान जारी हैं और हिज़बुल्लाह के साथ झड़पें भी हुई हैं। इस बीच हिज़बुल्लाह ने इसराइल के दक्षिणी हिस्से में ड्रोन व रॉकेट हमले जारी रखे हैं।

इससे पहले शनिवार को मरकाबा में एक यूएन तैनाती स्थल के सामान को इसराइल द्वारा ध्वस्तीकरण प्रक्रिया के दौरान नुक़सान पहुंचा था। एक अन्य विस्फोट में नाक़ोरा मुख्यालय के नज़दीक ही हुए यूएन मिशन का वाहन चपेट में आ गया था।

यूएन प्रवक्ता ने सभी युद्धरत पक्षों से हिंसा पर तुरन्त विराम लगाने का आग्रह किया है। एक कूटनैतिक समाधान और युद्धविराम की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र अपना समर्थन जारी रखेगा।

इस बीच फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने टाइर में स्थित बुर्ज शिमाली नामक एक फ़लस्तीनी शिविर में मेडिकल आपूर्ति व जनरेटर के लिए ईंधन की व्यवस्था की है। शहर के अन्य हिस्सों में विस्थापित महिलाओं, बच्चों व पुरुषों के लिए आपात सहायता सामग्री की आपूर्ति की गई है।

शनिवार को एक मानवतावादी क़ाफ़िले ने बालबेक-हरमेल इलाक़े में भोजन व स्वच्छता सामग्री का वितरण किया था। एक अन्य क़ाफ़िले के ज़रिये लबवेह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ज़रूरी मेडिकल सामान पहुंचाया गया है।

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय के अनुसार, लेबनान में हालात बेहद चिन्ताजनक हैं और 2006 के युद्ध की गम्भीरता को पहले ही पार कर चुके हैं, मगर टकराव अब भी बढ़ रहा है।

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल सैक्टर को निरन्तर हमलों से जूझना पड़ रहा है और क्लीनिक, कर्मचारियों व संसाधनों के लिए गोलीबारी से बच पाना कठिन होता जा रहा है। इससे लेबनान में पहले ही नाज़ुक स्थिति से गुज़र रही व्यवस्था के लिए चुनौतियां पनपी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक लेबनान में अपनी सेवाएं प्रदान करते समय 110 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की जान जा चुकी है। पिछले 13 महीनों में स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर कम से कम 60 हमले हुए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कब-कब हुई भगदड़ की बड़ी घटनाएं, डराने वाले इन आंकड़ों को देखिए

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने बताया RSS का अगला प्लान, हिन्दुओं को लेकर कही बड़ी बात

दिल्ली के CM पर कल खत्म हो सकता है सस्पेंस, शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बड़ा अपडेट

अघाड़ी में पड़ी दरार, फडणवीस से मिले उद्धव, शिंदे की शरद पवार ने की तारीफ, महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण

फालतू है कुंभ, लालू यादव ने बताया किसकी गलती से मची नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़

सभी देखें

नवीनतम

Earthquake: दिल्ली NCR में भूकंप के बाद लोग दहशत में, सुनाई आपबीती

GIS 2025: जीआईएस में ओडीओपी एक्स-पो से लोकल उत्पादों को मिलेगा ग्लोबल मंच

MP: 1 अप्रैल से नए लो alcoholic beverage bars खुलेंगे, 19 स्थानों पर शराब की बिक्री बंद होगी

Jamui News: बिहार के जमुई में दो पक्षों में तनाव, ईंट-पत्थर चले, इंटरनेट बंद

भूकंप के दौरान वो तेज रहस्यमयी आवाज क्या थी, पता कर रहे विशेषज्ञ?

अगला लेख
More