Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ग़ाज़ा : मदद की आस में दम तोड़ रहा ग़ाज़ा, अकाल के करीब पहुंचा

हमें फॉलो करें gaza

UN

, बुधवार, 27 मार्च 2024 (17:12 IST)
Gaza dying in hope of help : ग़ाज़ा युद्ध में हज़ारों बच्चे हताहत हुए हैं, घायल बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त अस्पताल भी नहीं बचे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने कहा है कि ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति को इसराइल की अनुमति नहीं मिलने से उत्पन्न बाधाओं की वजह से अकाल जैसे हालात बन गए हैं। उधर इसराइली बलों और हमास के बीच मंगलवार को लड़ाई में अनेक बच्चों की मौतें होने की ख़बरें हैं।
ग़ौरतलब है कि सुरक्षा परिषद द्वारा सोमवार को ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित होने के बावजूद, युद्ध जारी है। यूएन सहायता एजेंसियों ने विशेष अपीलें की हैं कि उस प्रस्ताव का तुरन्त सम्मान करते हुए उसे लागू किया जाए, ताकि और अधिक मौतों को रोका जा सके।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ के प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह से बताया है कि ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इसराइली बमबारी में अभी तक 13 हज़ार 750 बच्चे मारे गए हैं।

जेम्स ऐल्डर ने कहा कि बीती रात युद्ध में दोहरे अंकों में बच्चों की मौतें हुई हैं और ये मौतें सुरक्षा परिषद द्वारा युद्धविराम की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद हुई हैं।

ख़ान यूनिस का वजूद लगभग ख़त्म : यूनीसेफ़ प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने कहा कि ग़ाज़ा का दक्षिणी शहर– ख़ान यूनिस का वजूद अब मामूली ही बचा है। उन्होंने बताया कि इसराइल की लगातार बमबारी में इतने बच्चों और परिवारों की मौतें हुई हैं कि उनके बारे में जानकारी लगाना मुश्किल है, क्योंकि वो अपने ही घरों के मलबे में दब गए हैं।

जेम्स ऐल्डर ने कहा- संयुक्त राष्ट्र के साथ मेरी 20 वर्षों की सेवा के दौरान मैंने इतना विध्वंस और विनाश नहीं देखा है, यह बिल्कुल तबाही और बर्बादी है और मैं जहां भी देखता हूं, हर तरफ़ मलबा नज़र आता है। उन्होंने बताया कि ख़ान यूनिस में स्थित नासेर अस्पताल, अब मुश्किल से ही काम करने लायक बचा है, जबकि ये अस्पताल युद्ध में ज़ख़्मी होने वाले बच्चों को बहुत अहम चिकित्सा सहायता मुहैया कर रहा था। उन्होंने बताया कि ग़ाज़ा के केवल एक तिहाई अस्पतालों में, आंशिक रूप से काम हो पा रहा है।

उत्तरी इलाक़ा संकट में : विश्व खाद्य कार्यक्रम – WFP ने, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में सोमवार को, पिछले पांच दिनों में पहली बार सहायता सामग्री से भरे 96 ट्रक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है।

यूनीसेफ़ प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने उत्तरी इलाक़े में लोगों को, खाने के लिए कोई भी चीज़ों के लिए गुहार लगाने वाला– हाथ से मुंह की तरफ़ इशारा करते हुए देखा है, जिसका मतलब साफ़ है कि उनके पास खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं है।

यूएन बाल एजेंसी के अधिकार ने ग़ाज़ा में आसन्न अकाल के जोखिम के बारे में हाल में प्रकाशित चेतावनी का ज़िक्र करते हुए बताया कि एजेंसी के स्वयं के आंकड़े भी ये संकेत देते हैं कि दो वर्ष से कम आयु के औसतन तीन में से एक बच्चे अब अत्यन्त गम्भीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं। युद्ध शुरू होने से पहले यह आंकड़ा, पांच वर्ष से कम उम्र के 100 में से एक बच्चे के औसत से भी कम था।

जेम्स ऐल्डर ने कहा, “यह स्थिति अत्यधिक क़िल्लत को बयान करती है, यह स्थिति ऐसी चीज़ों की तबाही को बयान करती है, जिस पर बच्चे निर्भर होते हैं – पानी और स्वास्थ्य प्रणालियां – साथ ही यह स्थिति आंकड़ों की ही तरह यह बयान करती है कि खाद्य और पोषण क़िल्लत घातक स्तर तक है और उत्तरी इलाक़ों तक सहायता नहीं पहुंच रही है”

उन्होंने बताया कि युद्ध शुरू होने से पहले, हर दिन लगभग 500 व्यावसायिक और मानवीय सहायता ट्रक, ग़ाज़ा में पहुंच रहे थे, मगर इस समय औसतन ये संख्या एक तिहाई से भी कम है। इसके अलावा बहुत से सप्ताह ऐसे भी रहे हैं जब उत्तरी ग़ाज़ा में कोई सहायता ही नहीं पहुंची।

ग़ाज़ा में मानवीय सहायता के लिए दान दें : विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने ग़ाज़ा में लगातार विनाशकारी स्थिति के बारे में चिन्ताएं दोहराते हुए बताया है कि दक्षिणी इलाक़े में स्थित अल-अमाल अस्पताल से अधिकतर मरीज़ निकल चुके हैं।

मीडिया ख़बरों में बताया गया था कि इसराइली सेना ने सघन लड़ाई के दौरान ही ख़ान यूनिस स्थित अल-अमाल अस्पताल से मरीज़ों व मरीज़ों को निकल जाने का आदेश दिया था। उत्तरी ग़ाज़ा में स्थित अल शिफ़ा अस्पताल में भी, इसराइली सेना के छापे के बाद इसी तरह के हालात बताए जा रहे हैं।

प्रवक्ता ने जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि स्वास्थ्य कर्मी मारे जा रहे हैं, आस्पतालों घेराबन्दी में हैं, इन स्थानों पर पनाह लेने के लिए भारी संख्या में लोग क़तार में हैं, और अगर लोगों को अस्पताल में पनाह नहीं मिल सकती तो फिर कहाँ मिलेगी।

मीडिया ख़बरों में बताया गया है कि मंगलवार की बीती रात को रफ़ाह के दक्षिणी छोर के निकट हवाई हमले किए गए, जहां लगभग 15 लाख लोग पनाह लिए हुए हैं। ये लोग ग़ाज़ा के अन्य इलाक़ों में भीषण युद्ध और भारी तबाही से बचने के लिए, रफ़ाह इलाक़े में पनाह लेने के लिए पहुंचे हुए हैं।
Edited by Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारी लिवाली से बाजार में तेजी, सेंसेक्स 526 अंक उछला, निफ्टी भी चढ़ा