FILE कई घर हो गए बरबाद ख़ुद्दारी बचाने मेंज़मीनें बिक गईं सारी ज़मींदारी बचाने मेंकहां आसान है पहली मुहब्बत को भुला देनाबहुत मैंने लहू थूका है घरदारी बचाने में - मुनव्वर राना