K. Kavita's claim regarding BRS : तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता ने चुनावी जीत की हैट्रिक लगाने का विश्वास जताते हुए शुक्रवार को कहा कि पार्टी सीटों का शतक लगाएगी, क्योंकि एक दशक के कठिन परिश्रम के दम पर इस बार चुनाव परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए काफी आसान लग रही है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर की बेटी कविता ने कहा कि कुछ इलाकों में सत्ता विरोधी लहर हो सकती है, लेकिन आमतौर पर जनता के बीच उनकी पार्टी बीआरएस के प्रति आक्रोश नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीआरएस के लिए दूर की चुनौती है जबकि भाजपा राज्य में कहीं है ही नहीं। उन्होंने 30 नवंबर को होने वाले चुनाव में खंडित जनादेश मिलने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीआरएस को 119 में से 88 सीट पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को 19, एआईएमआईएम को छह और भाजपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। बाद में कांग्रेस के 12 विधायकों ने बीआरएस का दामन थाम लिया था।
कविता ने कहा, हम (इस बार) शतक लगाएंगे, बीआरएस हमेशा आगे रही है। हम हमेशा जनता के बीच रहे हैं। हमने कठिन परिश्रम किया है, लिहाजा (चुनाव) परीक्षा आसानी से उत्तीर्ण करने लायक दिख रही है। बीआरएस 2014 से तेलंगाना की सत्ता पर आसीन है और तब से लगातार दो चुनाव जीत चुकी है।
इस बार वह मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने पर नजरें लगाए हुए है। बीआरएस की विधान परिषद सदस्य कविता ने कहा कि कुछ इलाकों में सत्ता विरोधी लहर हो सकती है, लेकिन गुस्सा नहीं है।
उन्होंने कहा, लोग पार्टी से नाराज नहीं हैं। 10 साल तक शासन करने के बाद सत्ता विरोधी लहर होना स्वाभाविक है। कुछ लोग जिन्हें योजनाओं से लाभ नहीं मिला है, वे बस यही कहेंगे कि वे खुश नहीं हैं और उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला। अगला वाक्य होगा अब नहीं तो कल मिल जाएगा। कविता ने कहा कि जनता की भावनाएं बीआरएस के साथ हैं।
कांग्रेस को कर्नाटक चुनाव में मिली जीत से तेलंगाना में भी फायदा हो सकता है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे बीआरएस को ही मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में तो आ गई लेकिन लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरने में नाकाम रही।
कविता ने कहा, वे (कांग्रेस) छह गारंटियों में से किसी को भी लागू नहीं कर पाए हैं। हम इसे बहुत गंभीरता से सबके सामने रख रहे हैं। कल यदि आप उन्हें अपना वोट देंगे तो वे फिर विफल साबित होंगे। यह (विमर्श) हमारे पक्ष में काम कर रहा है। उन्होंने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि भाजपा और बीआरएस कांग्रेस की हार सुनिश्चित करने के लिए कुछ सीटों पर समझौता कर रही हैं।
कविता ने कहा, हमारा किसी के साथ कोई समझौता नहीं है। हमारी केवल एक सहयोगी और मित्रवत पार्टी एआईएमआईएम है। (असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली) एआईएमआईएम के अलावा, हमारा किसी के साथ कोई समझौता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस निश्चित रूप से बीआरएस के लिए एक चुनौती है लेकिन यह एक दूर की चुनौती है।
उन्होंने कहा, भाजपा मुकाबले में भी नहीं है क्योंकि पार्टी राज्य में कहीं भी नहीं है। 2018 के चुनावों में उसे 105 सीटों पर जमानत गंवानी पड़ी थी। कविता ने कहा कि इस बार इसे और भी अधिक नुकसान होगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour