Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

श्रृंगार और झूले का सुहाग पर्व है हरियाली तीज

हमें फॉलो करें श्रृंगार और झूले का सुहाग पर्व है हरियाली तीज
श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन श्रावणी तीज, हरियाली तीज मनाई जाती है... इसे मधुश्रवा तृतीया, छोटी तीज, सिंघारा तीज भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 23 जुलाई 2020, गुरुवार के दिन मनाया जा रहा है। 
 
राजस्थान में एक बड़ी ही प्यारी लोक कहावत प्रचलित है। तीज तीवारां बावड़ी, ले डूबी गणगौर...यानी सावनी तीज से आरंभ पर्वों की यह सुमधुर श्रृंखला गणगौर के विसर्जन तक चलने वाली है। सारे बड़े त्योहार तीज के बाद ही आते हैं। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, श्राद्ध पर्व, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली का पंच-दिवसीय महापर्व आदि... 
 
तीज पर्व का सबसे मीठा उल्लास राजस्थान, उत्तरप्रदेश और पंजाब में दिखाई पड़ता है। रंगीला राजस्थान हमेशा से ही तीज-त्योहार, रंगबिरंगे परिधान, उत्सव और लोकगीत व रीति रिवाजों के लिए प्रसिद्ध है। तीज का पर्व राजस्थान के लिए एक अलग ही उमंग लेकर आता है जब महीनों से तपती हुई मरुभूमि में रिमझिम करता सावन आता है तो निश्चित ही किसी उत्सव से कम नहीं होता। 
 
तीज के एक दिन पहले (द्वितीया तिथि को) विवाहित स्त्रियों के माता-पिता (पीहर पक्ष) अपनी पुत्रियों के घर (ससुराल) सिंजारा भेजते हैं। जबकि कुछ लोग ससुराल से मायके भेजी बहु को सिंजारा भेजते हैं। विवाहित पुत्रियों के लिए भेजे गए उपहारों को सिंजारा कहते हैं, जो कि उस स्त्री के सुहाग का प्रतीक होता है। इसमें बिंदी, मेहंदी, सिन्दूर, चूड़ी, घेवर, लहरिया की साड़ी, ये सब वस्तुएं सिंजारे के रूप में भेजी जाती हैं। 
 
सिंजारे के इन उपहारों को अपने पीहर से लेकर, विवाहिता स्त्री उन सब उपहारों से खुद को सजाती है, मेहंदी लगाती है, तरह-तरह के गहने पहनती हैं, लहरिया साड़ी पहनती है और तीज के पर्व का अपने पति और ससुराल वालों के साथ खूब आनंद मनाती है। इस दिन झूले झूलने का भी महत्व है। 
 
विशेष रूप से तीज के दिन प्रत्येक स्त्री रंगबिरंगी लहरिया की साड़ियां पहने ही सब तरफ दिखाई पड़ती हैं। तीज के इस त्योहार पर बनाई और खाई जाने वाली विशेष मिठाई घेवर है। जयपुर का घेवर विश्व प्रसिद्ध है। झूला, लहरिया की साड़ी और घेवर के बिना तीज का पर्व अधूरा है। 
 
हरियाली तीज का लोकगीत प्रचलित हैं :-
 
गोरे कंचन गात पर अंगिया रंग अनार।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इन 10 खास बातों से जानिए हरियाली तीज का महत्व