नदियों में गंगा, इन्द्रियों में मन, तारों में चंद्रमा श्रेष्ठ है उसी प्रकार यह व्रत सर्वश्रेष्ठ है....
सुहागिन स्त्रियों को भाद्रपद शुक्ल तीज के दिन अपने सुहाग की रक्षा के लिए हरतालिका का व्रत करना चाहिए। यह व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
इस व्रत का महत्व इस प्रकार है- जैसे नदियों में गंगा, इन्द्रियों में मन, तारों में चंद्रमा श्रेष्ठ है उसी प्रकार यह व्रत सर्वश्रेष्ठ है।
हरतालिका तीज के दिन व्रत के साथ शिव जी की आराधना अपने जन्म लग्न के अनुसार करें तो शिव जी अत्यंत प्रसन्न होंगे।
आइए जानें कैसे करें शिव जी की आराधना-
मेष लग्न- लाल वस्त्र पहनें एवं ॐ अंबिकानाथ नम: का जाप करें।
वृषभ लग्न- हरे वस्त्र पहनें व ॐ दिगंबर नम: का जाप करें।
मिथुन- चांदी रंग के साथ हरे वस्त्र पहनें व ॐ सोम नम: जपें।
कर्क- लहरिया वस्त्र पहनें व ॐ प्रभव नम: का जाप करें।
सिंह- ॐ हिरण्यरेता नम: का जाप करें व गुलाबी वस्त्र पहनें।
कन्या- ॐ पुराराति नम: व वराय नम: का जाप करें। हरे व पीला वस्त्र पहनें।
तुला- ॐ कामारी नम: का जाप करें और आसमानी रंग का वस्त्र पहनें।
वृश्चिक- ॐ सूक्ष्म- तनु नम: एवं प्रवराय नम: का जाप करें। गुलाबी व क्रीम वस्त्र पहनें।
धनु- ॐ स्थिराय नम: का जाप करें व सफेद पीला युक्त वस्त्र पहनें।
मकर- ॐ शिवाय नमः का जाप करें व लाल लहरिया पहनें।
कुंभ- ॐ गंगाधर नमः का जाप करें व कत्थई रंग का वस्त्र पहनें।
मीन- ॐ नर्मदेश्वर नमः का जाप करें व नीला वस्त्र पहनें।
विशेष- यह प्रयोग इस वर्ष की हरतालिका के समय में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए दिए गए हैं।