Hartalika Teej Kab hai 2023: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इस बार यह त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 18 सितंबर 2023 सोमवार को मनाया जाएगा। हरतालिका तीज व्रत कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। इस दिन महिलाएं बहुत ही कठिन व्रत रखती हैं। इस व्रत में कुछ भी नहीं खाया जाता है। एक बार व्रत का संकल्प लेने के बाद यदि कुछ भी खाया तो क्या होगा?
1. दूध का सेवन : ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन महिलाएं यदि भूल से भी दूध का सेवन कर लेती है तो अगले जन्म में सर्प योनि को प्राप्त होती है।
2. फलों का सेवन : फल खाने से अगला जीवन वानर का मिलता है।
3. शक्कर का सेवन : शक्कर खाने से अगला जीवन मक्खी का मिलता है।
4. जल का सेवन : जल पीने से मछली का जीवन मिलता है।
ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन व्रती महिला जिस भी तरह का भोजन या अन्य कोई पदार्थ ग्रहण कर लिया जाता है तो अन्न की प्रकृति के अनुसार उसका अगला जन्म उस योनि में ही होता है। इसीलिए व्रत को तोड़ा नहीं जाता है। इन दिन महिलाओं को रातभर जागना जरूरी होता है, क्योंकि आठों प्रहर पूजा भी करना होती है और यह भी मान्यता या अंधविश्वास है कि जो महिला सो जाती है उसे अजगर या मगरमच्छ की योनि प्राप्त होती है।
व्रत के कड़े नियम:-
1. मान्यता है कि यदि कोई भी कुंवारी या विवाहित महिला एक बार इस व्रत को रखना प्रारंभ कर देती हैं तो उसे जीवनभर यह व्रत रखना ही होता है। बीमार होने पर दूसरी महिला या पति इस व्रत को रख सकता है।
2. इस व्रत में किसी भी प्रकार से अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है।
3. ऐसी मान्यता भी है कि जिस भी तरह का भोजन या अन्य कोई पदार्थ ग्रहण कर लिया जाता है तो अन्न की प्रकृति के अनुसार उसका अगला जन्म उस योनि में ही होता है। लेकिन यह मान्यता एक जनश्रुति भर है। शास्त्र सम्मत नहीं है।
4. इस व्रत में महिलाओं को रातभर जागना होता है और जागकर मिट्टी के बनाए शिवलिंग की प्रहर अनुसार पूजा करना होती है और रात भर जागकर भजन-कीर्तन किया जाता है।
5. इस व्रत के दौरान हरतालिका तीज व्रत कथा को सुनना जरूरी होता है। मान्यता है कि कथा के बिना इस व्रत को अधूरा माना जाता है।