Teachers Day 2023: इस समय इंटरनेट का युग चल रहा है। यह कहें कि अब ज्ञान का विस्फोट हो चुका है। सभी दिशाओं से हर तरह का ज्ञान परोसा जा रहा है। अब गूगल सर्च और यूट्यूब पर आपकी हर समस्या का समाधान मिलेगा। इसी के साथ अब तो चैटजीपीटी का दौर भी प्रारंभ हो चला है। अधिकतर स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई तो अब नाममात्र की रह गई है।
आप कितना ही स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई करो आपको कोचिंग तो लेना ही पड़ेगी। यदि आपका कोई लक्ष्य है तो किसी अच्छी कोचिंग क्लास को ज्वाइन करना होगा। हालांकि आपको यहां यह कहना होगा कि स्कूल या कॉलेज के बाद कोचिंग और अब कोचिंग के दौर में भी बदलाव होने लगा है। बदलते दौर में शिक्षक की भूमिका भी बदल रही है। लोगों के सीखने का तरीका भी बदल रहा है और सीखने, सिखाने का माध्यम भी बदल रहा है। अब ऑनलाइन शिक्षा महत्वपूर्ण बनती जा रही है।
अब तो यूट्यूब या अन्य किसी प्लेटफार्म पर आप अच्छे से अच्छे टीचर से अपने कोर्स को समझकर परीक्षा की तैयारी कर सकते हो और वह भी एकदम मुफ्त में। यदि थोड़ा बहुत फीस देकर भी गणित या साइंस को ऑनलाइन माध्यमों से समझा जा सकता है तो स्कूल टीचर्स की क्या जरूरत? वैसे भी स्कूल टीचर्स कौनसा सभी बच्चों का ध्यान रखते हैं। कुछ खास बच्चों पर ही उनका ज्यादा अटेंशन रहता है। आप अब यूट्यूब पर 10 सबसे अच्छे टीचर्स ढूंढ सकते हैं। हालांकि आजकल तो टॉप कोचिंग क्लासेस भी अपनी ऑनलाइन क्लासेस चलाती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि गूगल और यूट्यूब के जमाने में क्या है टीचर की उपयोगिता?
यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है, जहां लोग सिर्फ मनोरंजन के लिए ही नहीं जाते बल्कि नॉलेज हासिल करने भी जाते हैं। फिटनेस से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक की तैयारी के लिए यूट्यूब पर अपलोड वीडियो आपकी हर तरह से मदद करने के लिए तैयार है। नई जनरेशन के लिए अब यूट्यूब ही शिक्षक की भूमिका निभा रहा है। एक सर्वे के अनुसार यूट्यूब पर 71% यूजर्स कुछ सीखने आते हैं। यूट्यूब सस्क्राइबर के मामले में एजुकेशन 6वें नंबर पर है।
हालांकि छात्रों के सामने यह चुनौतियां जरूर रहती है कि यूट्यूब पर एजुकेशन को लेकर जो भी वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं वे ऑथेंटिक है या नहीं। इसके लिए हम बड़े ब्रांड और नामों पर भरोसा कर सकते हैं।
हालांकि यह सही है कि यूट्यूब शिक्षक नहीं बल्कि कोचिंग को सप्लीमेंट कर रहा है। केरल हमारे देश का सबसे साक्षर प्रदेश है। सर्वे के अनुसार 73 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जो स्कूल में प्रवेश लेते हैं, लेकिन पढ़ाई करने कोचिंग क्लास में जाते हैं। आज से 40 साल पहले तो कोई कोचिंग क्लास नहीं थी। इसके आने के बाद स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों का महत्व कम हो गया और अब कोचिंग क्लास का महत्व भी कम हो सकता है। ऑनलाइन पढ़ाई या यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म कोचिंग क्लासेस के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहा है। इसीलिए अब कोचिंग क्लास वाले भी यूट्यूब पर हैं।
स्कूल या कॉलेज में शिक्षक आपको आपके कोर्स की किताब एक बार पढ़ाकर दूसरी बार शायद ही पढ़ाए। उस पर निश्चित समय में कोर्स पूरा करने का दबाव रहता है। परंतु यूट्यूब पर आप एक ही लेक्चर को कई बार देख और सुन सकते हैं। ऐसे में स्कूली शिक्षकों की उपयोगिता यहां पर नगण्य हो जाती है। कुछ ऐसे प्रदेश हैं जहां पर लाखों शिक्षक कस्बों या गांव के स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। उनमें हजारों ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें पढ़ाते आता ही नहीं, लेकिन आजकल गांव के हर बच्चे के साथ में मोबाइल आ चुका है।