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टीचर्स डे से जुड़ी खास बातें।
शिक्षक दिवस कब मनाया जाती है।
शिक्षक दिवस का इतिहास जानें।
Teachers Day: प्रतिवर्ष 5 सितंबर को टीचर्स डे/ शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस गुरु-शिष्य को समर्पित दिन है और गुरु-शिष्य की परंपरा तो भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। अत: जीवन में शिक्षकों का महत्व समझाने के लिए ही इस दिन को मनाया जाता है। टीचर्स डे के इतिहास की बात करें, तो पहली बार 60 के दशक में टीचर्स डे मनाया गया था।
आइए जानते हैं यहां...
क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे : हर साल भारतभर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। अत: सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार भगवान हम सबके भीतर रहता है, महसूस करता है और कष्ट सहता है और समय के साथ उसके गुण, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम हम में से हर एक के अंदन उजागर होंगे। वे कहते थे पुस्तकें वह साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।
इस महान राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जीवन में शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं है, बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे-बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते हैं।
शिक्षक हमारा मार्गदर्शन करते हैं कि जीवन में कभी भी कुछ अच्छा और ज्ञानवर्धक सीखने को मिले तो उसे तुरंत ही आत्मसात करना चाहिए। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी अपने छात्रों को पढ़ाते समय उनको पढ़ाई कराने से ज्यादा उनके बौद्धिक विकास पर ध्यान देते थे।
कब से मनाया जाने लगा शिक्षक दिवस, जानें इतिहास : एक बार राधाकृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा, तो मुझे गर्व होगा। इसके बाद से ही 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। आपको बता दें कि भारत में पहली बार शिक्षक दिवस सन् 1962 में मनाया गया था।
डॉ. राधाकृष्णन एक बेहतरीन शिक्षाविद और राष्ट्रनिर्माण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए समर्पित थे। 1962 में जब राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था। उसी साल से उनके सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। स्टूडेंट्स भी इस दिन अपने शिक्षकों को गिफ्ट्स आदि देते हैं।
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