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Teachers Day : संडे हो या मंडे, ऑनलाइन क्लास के मज़ेदार फंडे

हमें फॉलो करें Teachers Day : संडे हो या मंडे, ऑनलाइन क्लास के मज़ेदार फंडे
इस वक्त कोविड-19 के कारण बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं जिससे कि बच्चों की पढ़ाई पर कोरोनावायरस का असर न पड़े। कोरोनावायरस महामारी के चलते स्कूल बंद हैं, लेकिन कई क्लासेस ऑनलाइन चल रही हैं जिसमें शिक्षक छात्रों को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तकनीक का उपयोग करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इसी के साथ ही बच्चों को भी ऑनलाइन क्लासेस में मजा आने लगा है। उन्हें टीचर्स द्वारा प्रोजेक्ट भी दिए जा रहे, साथ ही उन्हें रचनात्मक कार्यों से भी जोड़ा जा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में बच्चे व टीचर दोनों ही अपने-अपने घरों में मौजूद रहकर ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं। ऐसे में कई परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं, जो काफी मजेदार होती हैं।
 
क्लासरूम की अपेक्षा बच्चे अपने घर से पढ़ाई कर रहे हैं, ऐसे में कई सिचुएशन ऐसी भी हो जाती हैं, जो क्लासरूम में होने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। वो क्या है, आइए जानते हैं।
 
ऑनलाइन क्लासेस है, तो अधिकतर बच्चों को लगता है कि क्लासेस तो घर से ही हो रही है तो क्यों न पजामा पहनकर ही अपनी क्लासेस अटेंड करने बैठ जाएं। जरा सोचिए, क्या ऐसा बच्चे क्लासरूम में कर सकते हैं?
 
ऑनलाइन क्लासेस के दौरान घर में मौजूद सदस्य कैमरा फ्रेम के सामने से निकलते हुए बार-बार कैमरे पर नजर डालते हैं जिससे बच्चे भी अपने प्रश्न किए बिना रुक नहीं पाते, जैसे मैडम अभी जो कैमरे में सामने आए थे, वो क्या आपके भाई हैं?
 
अन्य मामलों में ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चे अपने घर में मौजूद पालतू जानवरों से अपनी टीचर्स से परिचय करवाते हैं। उस समय टीचर्स को समझ नहीं आता कि अब इस सिचुएशन में क्या कहा जाए?
 
कुछ-कुछ बच्चे ब्रश या फेसपैक लगाकर भी अपनी ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने से पीछे नहीं हटते।
 
नेटवर्क की परेशानी, म्यूट, अनम्यूट! ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स नेटवर्क की परेशानी और म्यूट-अनम्यूट बार-बार करते रहते हैं। इन परेशानियों के बीच ही टीचर्स की पूरी ऑनलाइन क्लासेस चलते रहती है।
 
प्रियंका सिंह, जो कि एक टीचर हैं, वे अपना अनुभव शेयर करते हुए बताती हैं कि ऑनलाइन क्लासेस में बच्चों को 'गुड मॉर्निंग' कहने के बाद जब बच्चे इसका जवाब देना शुरू करते हैं तो आधा समय म्यूट और अनम्यूट में ही निकल जाता है।
 
वहीं श्रेया मैडम अपना अनुभव साझा करते हुए कहती हैं कि कुछ दिनों पहले की ही बात है, जब मेरी क्लास के दौरान ही मेरी एक स्टूडेंट कम्प्यूटर के सामने बैठकर अपने मेकअप में व्यस्त थी। यह ऐसा समय होता है कि हमें खुद समझ नहीं आता कि ऐसे में क्या करना चाहिए?

 

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