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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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उपहार, जो हो सबसे खास

गुरु के सम्मान का बदला स्वरूप

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हमारे भारत वर्ष में गुरु का सम्मान अनादि काल से चला आ रहा है। आज बस उसका स्वरूप बदल चुका है। पहले गुरुकुल में रहकर छात्र शिक्षा प्राप्ति के बाद गुरु दक्षिणा देते थे और अब शिक्षक दिवस के अवसर पर कॉलेजों के छात्र-छात्राएँ विभिन्न प्रकार की गिफ्ट देकर अपने गुरु को स्नेह के बंधन में बाँधना चाहते हैं। विद्यार्थियों ने अपने गुरुजनों के सम्मान के लिए क्या योजनाएँ बनाई है, आइए, जानते हैं इस बारे में :

विद्या की देवी सरस्वती : जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्र अविनाश ने बताया कि वे अपने गुरु को शिक्षक दिवस के शुभअवसर पर सरस्वती की वीणा बजाती हुई प्रतिमा भेंट करना चाहते हैं। चूँकि सरस्वती विद्या की देवी हैं और उन्हें यह विद्या अपने गुरु से ही प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जो जीवन में सचाई के साथ रहना सिखाएँ व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध जीवन पर्यन्त लड़ने की शिक्षा दे, वही सच्चा गुरु होता है।

पेन व डायरी : प्राइमरी व मिडिल क्लास के शिक्षकों की याद करते हुए अभय श्रीवास्तव ने बताया कि इस अवसर पर वे अपने शिक्षकों को पेन व डायरी देंगे। जिससे वे हमेशा अपने शिक्षकों की स्मृति में एक अच्छे विद्यार्थी के रूप में कैद रह सकें। उन गुरुजनों द्वारा दी गई प्रेरणा व संस्कारों को वे कभी भूल नहीं सकते।

पुष्पगुच्छ से सम्मान : शिक्षकों को समान रूप से पुष्प गुच्छ भेंट करने की योजना बनाने वाली जूली ने बताया कि वे शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने सम्माननीय गुरुजनों को आर्चीज गैलरी के ग्रीटिंग कार्ड भेंट करेंगी व उन्हें शुभकामनाएँ भी देंगी।

जाएँगे मैकडोनाल्डस में : इंजीनियरिंग के छात्र उमेश कुमार ने अपने प्रिय शिक्षक सचिन गौतम के बारे में बताते हुए कहा कि जब उन्होंने नागाजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया, तब उन्हें मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई बहुत कठिन लगती थी, लेकिन गौतम सर के द्वारा बताए गए तकनीकी फंडे व बेसिक की गहराई जानकर आज उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने बताया कि वे शिक्षक दिवस पर गौतम सर को मैकडोनाल्डस में ले जाकर बर्गर खिलाएँगे व उन्हें भेंट स्वरूप सिरेमिक से बने गणेश जी की प्रतिमा देंगे।

घड़ी पहनते ही आएगी याद : वहीं प्रकाश द्विवेदी व शंकर झा ने बताया कि वे भी सचिन सर के मार्गदर्शन व प्रेरणा के फलस्वरूप आज इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल हुए हैं। सचिन सर ने उन्हें इंजीनियरिंग की बारीकियों व कठिनाइयों से अवगत कराया। उन्होंने बताया वे दोनों सचिन सर को इस शुभ अवसर पर ग्रीटिंग कार्ड व एक रिस्ट वॉच सम्मान के रूप में देना चाहते हैं। जिससे सर कभी भी उस वॉच को अपने हाथ में पहनें तो उन्हें अपने स्टूडेंटस की याद आए।

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