अमूमन हर देश की सरकार अपने नागरिकों से उसकी आय का एक हिस्सा आयकर के रूप में लेती हैं जिससे वह देश के विकास कार्य व नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरी करती हैं। यही कारण हैं कि आयकर की चोरी करने के बजाय, हमें देश के विकास में अपना योगदान आयकर चुकाकर करना चाहिए।
आयकर के दायित्व को कानूनी रूप से कम करने के तरीकों को जानने के पहले, आइए हम इस वर्ष लागू आयकर की दर की जानकारी लें। हर व्यक्ति की आय में से कुछ आय पर कोई आयकर देय नहीं होता है और इस कर मुक्त आय को एक्सेमपश्न लिमिट कहा जाता है जो कि करदाता की उम्र व लिंग पर आधारित होती है।
वरिष्ठ नागरिकों को हमारे यहाँ विशेष दर्जा दिया गया है और वित्तीय वर्ष 2010-11 में उनके लिए यह एक्सेमपश्न लिमिट 2,40,000 रुपए है। आयकर एक्ट के अनुसार वरिष्ठ नागरिक वह व्यक्ति है जिसने इस वर्ष में कभी भी 65 वर्ष की आयु पार कर ली हो। इसका मतलब यह हुआ कि 31-3-1946 को और उसके पहले पैदा हुए सभी व्यक्ति इस वर्ष वरिष्ठ नागरिक कहलाए जाने के हकदार होंगे।
महिलाओं के लिए यह एक्सेमपश्न लिमिट 1,90,000 रुपए है और 65 वर्ष से कम पुरुषों के लिए एक्सेमपश्न लिमिट 1,60,000 रुपए है।
उपरोक्त वर्णित अलग-अलग वर्ग की आय में एक्सेमपश्न लिमिट से लेकर 5 लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत की दर से आयकर देय है, 5 लाख से 8 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत व 8 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर देय है जो कि निम्न टेबल में दर्शाया हुआ हैं। ख्याल रहे कि आयकर पर 3 प्रतिशत एजूकेशन सेस भी अलग से देय है।
कर योग्य आय
आयकर की दरें
एक्सेमपश्न लिमिट
प्रतिशत
एक्सेमपश्न लिमिट तक
शून्य
एक्सेमपश्न लिमिट से 5 लाख रु. तक
10 प्रतिशत
5 लाख से 8 लाख रुपए तक
20 प्रतिशत
8 लाख रुपए से अधिक
30 प्रतिशत
उदाहरण के लिए, अगर किसी 65 वर्ष से कम पुरुष व्यक्ति की कर योग्य आय 5,40,000 है, तो उसे 5,00,000 - एक्सेमपश्न लिमिट यानी 1,60,000 = 3,40,000 पर 10 प्रतिशत यानी 34,000 रुपए का आयकर देना होगा व शेष राशि 5,40,000-5,00,000 = 40,000 पर 20 प्रतिशत की दर से 8,000 रुपए आयकर देना होगा।
इस प्रकार उसका कुल आयकर दायित्व 42,000 रुपए होगा और इस राशि पर उसको 3 प्रतिशत एजूकेशन सेस यानी 1,268 रुपए भी देना होगा यानी कुल आयकर 43,268 रुपए होगा। उपरोक्त उदाहरण में महिलाओं को उसी आय पर 40,170 रुपए व वरिष्ठ नागरिकों को 35,020 रुपए का आयकर देना होगा।