Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

एक्सप्लेनर: तालिबान-पाकिस्तान की दोस्ती का कश्मीर पर पड़ेगा सीधा असर, काबुल में विरोध प्रदर्शन पाक के बढ़ते दखल का नतीजा

हमें फॉलो करें एक्सप्लेनर: तालिबान-पाकिस्तान की दोस्ती का कश्मीर पर पड़ेगा सीधा असर, काबुल में विरोध प्रदर्शन पाक के बढ़ते दखल का नतीजा
webdunia

विकास सिंह

, मंगलवार, 7 सितम्बर 2021 (15:40 IST)
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान के बढ़ते दखल के बाद अब स्थानीय लोगों ने खुलकर पाकिस्तान का विरोध करना शुरू कर दिया है। काबुल में आज पाकिस्तान के विरोध में लोगों ने बड़ी संख्या में सड़क पर उतरकर  विरोध प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के विरोध में हुए इस प्रदर्शन की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। वहीं पाकिस्तान के विरोध में हुई रैली को दबाने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने फायरिंग भी कर दी।   

दरअसल पाकिस्तान, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काफी दिलचस्पी ले रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को सबसे पहले मान्यता देने वाले पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए ISI चीफ ले. जनरल फैज हमीद को भी काबुल भेजा। वहीं पंजशीर में पाकिस्तान की वायुसेना ने जिस तरह सीधा दखल देकर तालिबान का सपोर्ट किया उसने पूरी दुनिया के सामने उसका असली चेहरा ला दिया है।  

अंतरराष्ट्रीय मामलों के एक्सपर्ट डॉ. संदीप शास्त्री ‘वेबदुनिया’ के साथ बातचीत में कहते हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान की राजनीति में जिस तरह हस्तक्षेप कर रहा है उसका रिएक्शन भी अब वहां (काबुल) में दिखाई देने लगा है। अफगानिस्तान में पाकिस्तान जिस तरह दखल दे रहा है उसका असर भारत पर तो पड़ेगा ही लेकिन इसका सीधा असर कश्मीर पर पड़ेगा।
webdunia

अफगानिस्तान मामलों के जानकार संदीप शास्त्री कहते हैं कि कश्मीर और आतंकवाद के विषय पर भारत को सतर्क रहना होगा क्योंकि अगर ISI के प्रमुख लोग अफगानिस्तान में जाकर चर्चा कर रहे है तो इसका असर कश्मीर पर पड़ सकता है और हमको सतर्क रहना होगा।
 
अफगानिस्तान में पाकिस्तान की दिलचस्पी लेने के सवाल पर वह कहते हैं कि अगर इतिहास को देखें तो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध काफी सालों से रहे हैं। हर बार अफगानिस्तान में जब भी सरकार के साथ-साथ राजनीतिक बदलाव हुआ है तो पाकिस्तान ने उस परिस्थिति में हस्तक्षेप किया ही है। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के साथ जो समस्याएं होती आई है वहीं अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच दिखाई देने को मिलती है। 

डॉ संदीप शास्त्री कहते हैं कि अफगानिस्तान पर आज की स्थिति में भारत के लिए वेट एंड वॉच ही बेस्ट पॉलिसी है। अफगानिस्तान में किस तरह नई सरकार बनेगी उसको हमें बारीकी से देखना पड़ेगा। मेरे नजरिए से भारत सरकार जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं आना चाहती है। नई सरकार के गठन के बाद भारत के हितों को ध्यान रखना पॉलिसी बनानी होगी।    

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन AIMIM में शामिल