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काबुल में पाक विरोधी रैली में जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारी, 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगे

हमें फॉलो करें काबुल में पाक विरोधी रैली में जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारी, 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगे
, मंगलवार, 7 सितम्बर 2021 (22:54 IST)
पेशावर/काबुल। अफगानिस्तान में हिजाब पहने हुए महिलाओं समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारी 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए मंगलवार को काबुल की सड़कों पर उतरे और उन्होंने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दखल तथा उसके लड़ाकू विमानों से पंजशीर प्रांत में तालिबान के समर्थन में हवाई हमलों की निंदा की। अफगानिस्तान में पिछले महीने तालिबान का कब्जा होने के बाद से राजधानी काबुल में सबसे बड़े प्रदर्शनों में लोगों ने पंजशीर के तालिबान विरोधी लड़ाकों के प्रति समर्थन जताया। प्रदर्शन में लोग नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के नेता अहमद मसूद के पक्ष में भी नारे लगा रहे थे, जो पंजशीर प्रांत से तालिबान के खिलाफ मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं।
 
तालिबान ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है। इससे पहले उन्होंने पिछले महीने अफगानिस्तान सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था और पंजशीर ही उनके नियंत्रण से बाहर था। अफगानिस्तान की खम्मा समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पाकिस्तान की वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने पंजशीर प्रांत में हवाई हमले किए। 'पाकिस्तान मुर्दाबाद', और 'आजादी' जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी काबुल में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जमा हो गए और उन्होंने वहां के कर्मचारियों से अफगानिस्तान से जाने को कहा। एक बड़े बैनर पर लिखा था- 'पाकिस्तान, पाकिस्तान, छोड़ दो अफगानिस्तान।'

 
विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि वे अफगानिस्तान में कठपुतली सरकार नहीं चाहते। खबरों के मुताबिक तालिबान सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं लेकिन प्रदर्शन जारी रहे। अफगानिस्तान की टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान ने उनके कैमरापर्सन वाहिद अहमदी को रोक लिया और उनका कैमरा जब्त कर लिया। तालिबान के लोगों ने कुछ पत्रकारों को प्रदर्शन का वीडियो बनाने से भी रोका।

एक वीडियो में पंजशीर प्रांत में रजिस्टेंस फ्रंट के सह-नेता अहमद मसूद ने अफगानिस्तान के लोगों से तालिबान के खिलाफ फिर से आवाज उठाने का आह्वान किया था। इसके बाद प्रदर्शनकारी जमा हुए। पंजशीर में हवाई हमलों के खिलाफ ईरान ने भी प्रतिक्रिया दी है और विदेश मंत्रालय से इस मामले में 'विदेशी विमानों के हस्तक्षेप' को लेकर जांच करने को कहा है। अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती सरकार ने कई बार पाकिस्तान पर तालिबान को सैन्य सहायता देने का आरोप लगाया है। इस्लामाबाद ने इस आरोप का खंडन किया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटरसर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने पिछले सप्ताह काबुल जाकर तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की थी। उनकी इस यात्रा की कोई घोषणा नहीं की गई थी।(भाषा)

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