वॉशिंगटन। पहले से ही युद्ध और अभावग्रस्त अफगानिस्तान की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अफगानिस्तान को मिलने वाली करीब 460 मिलियन डॉलर की राशि की निकासी को रोक दिया है। इससे अफगानिस्तान के आर्थिक हालात और भी बिगड़ने का अंदेशा है।
तालिबान के आने के बाद देश में असमंजस की स्थिति को देखते हुए आईएमएफ ने यह फैसला लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के दबाव के बाद यह फैसला सामने आया है। उनका कहना है कि यह रकम किसी भी सूरत में तालिबानी आतंकियों के हाथों में नहीं जानी चाहिए।
तालिबान ही नहीं, अफगानिस्तान में भी अमेरिका के इस फैसले से आर्थिक संकट गहरा सकता है। जानकारी में कि अफगानिस्तान काफी लंबे समय से विदेशों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से मिलने वाली वित्तीय मदद से ही चलता आया है। लेकिन अब इस पर लगी रोक से यहां की पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो सकती है।