विराट कोहली और टॉस दोनों अलग अलग दिशा की बातें लगती हैं। विराट कोहली कभी भी टॉस जीतने के लिए नहीं जाने गए हैं। खासकर टी-20 में तो इस साल सिक्का उनसे रुठा हुआ लग रहा है।
वह लगातार 5 टॉस हार चुके हैं, इसमें से 3 इंग्लैंड के खिलाफ और दो टी-20 विश्वकप में पहले पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ। टॉस की भूमिका इस टी-20 विश्वकप में कितनी थी इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि विराट कोहली आखिरी बार टॉस हारकर निराश हो गए थे।
बहरहाल आज वह टॉस जीत भी जाते हैं तो भी उनको पहले बल्लेबाजी ही करनी होगी। भारत को तीनों मैचों में पहले बल्लेबाजी करनी होगी। पिछले दो मैचों में भारत पहले बल्लेबाजी करके हार गया लेकिन अब टॉस जीतने के बाद भी भारत को पहले बल्लेबाजी ही चुननी पड़ेगी। नहीं तो अगले मैच में जीत का दायरा और ज्यादा बड़ा हो जाएगा। पहले अगर विरोधी टीम ने बल्लेबाजी कर ली और भारत ने लक्ष्य का पीछा जल्दी भी कर लिया तो भी नेट रन रेट में उतनी तेजी से इजाफा नहीं होगा क्योंकि भारत ने पहले रन दिए और फिर बनाए।
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 8 विकेट की हार के अंतर का मतलब यह भी है कि भारत के नेट रन रेट में गिरावट आई है जिसके चलते अब सेमीफ़ाइनल का उनका रास्ता अन्य टीमों के परिणाम पर निर्भर हैं। दूसरे सेमीफ़ाइनल स्थान के लिए दावेदारी पेश कर रही तीन टीमों अफ़ग़ानिस्तान, न्यूज़ीलैंड और भारत के समीकरण पर एक नजर
न्यूज़ीलैंड: 14.3 ओवरों में भारत द्वारा दिए गए लक्ष्य का पीछा करने के बाद न्यूज़ीलैंड का नेट रन रेट बढ़कर 0.765 पर जा पहुंचा है। अगर वह बचे हुए अपने सभी मैचों में जीत दर्ज करता है तो वह सेमीफ़ाइनल में प्रवेश करेगा। अपने आख़िरी तीन मैचों में उनका सबसे मुश्किल मैच अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ होगा जहां हार उनके लिए मुश्किलें बढ़ाएगी।
और तो और आने वाले तीनों मैचों का कार्यक्रम भी आसान नहीं होने वाला है - उन्हें एक-एक दिन के अंतराल के साथ तीन अलग-अलग मैदान पर दिन के मुक़ाबले खेलने है - 3 नवंबर को स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ दुबई में, 5 नवंबर को नामीबिया के ख़िलाफ़ शारजाह में और 7 नवंबर को अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ अबू धाबी में।
अफ़ग़ानिस्तान:अफ़ग़ानिस्तान ने नामीबिया और स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ बढ़िया प्रदर्शन करते हुए अपने मैचों का भरपूर लाभ उठाया। यही वजह है कि उनका नेट रन रेट 3.097 पर जा पहुंचा है। उनके शेष दो मैच भारत और न्यूज़ीलैंड के रूप में दो बड़ी टीमों के ख़िलाफ़ हैं। अगर वे दोनों मुक़ाबले जीत जाते हैं, तो वे क्वालीफ़ाई कर लेंगे। अगर वे भारत से हार जाते हैं और न्यूज़ीलैंड को हरा देते हैं, तो बात रन रेट पर आ जाएगी। उन्हें अपने शेड्यूल का भी फ़ायदा हो सकता है - उन्होंने अबू धाबी में नामीबिया को हराया, और उनके आख़िरी दो मैच इसी मैदान पर खेले जाएंगे।
भारत: भारत के पास न्यूज़ीलैंड के खिलाफ बड़ी हार के बावजूद अब एक ही मौक़ा बचा हुआ है जहां उसे अपने शेष तीनों मैच में जीत हासिल करनी होगी। साथ ही साथ उसे उम्मीद करनी होगी कि अफ़ग़ानिस्तान और न्यूज़ीलैंड कम से कम एक मैच हार जाए। अगर ऐसा होता है तो बात नेट रन रेट पर आ जाएगी लेकिन उस मामले में भी भारत इस समय काफ़ी पीछे है।