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11 साल पहले हुए पाक-ऑस्ट्रेलिया टी-20 WC सेमीफाइनल मैच के 3 खिलाड़ी हैं मौजूदा टीम में, स्मिथ बन चुके हैं गेंदबाज से बल्लेबाज

हमें फॉलो करें 11 साल पहले हुए पाक-ऑस्ट्रेलिया टी-20 WC सेमीफाइनल मैच के 3 खिलाड़ी हैं मौजूदा टीम में, स्मिथ बन चुके हैं गेंदबाज से बल्लेबाज
, गुरुवार, 11 नवंबर 2021 (16:28 IST)
साल 2010 के टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया आमने सामने हुई थी तो वह ऐतिहासिक हुआ था। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज माइकल हसी ने पाकिस्तान के जबड़े से मैच छीन लिया था और ऑस्ट्रेलिया पहली बार टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचा था।

एक दिलचस्प बात यह है कि इस सेमीफाइनल के 3 खिलाड़ी आज भी मौजूदा ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीम में मौजूद हैं। नजर डाल लेते हैं इन खिलाड़ियों पर।

डेविड वॉर्नर- इस मैच में डेविड वॉर्नर सलामी बल्लेबाज के तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ उतरे थे। हालांकि वह अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे और मोहम्मद आमिर की गेंद पर कीपर कमरान आकमल को अपना कैच थमा बैठे थे। वह नहीं चाहेंगे कि आज भी ऐसा ही हो, वैसे सामने आमिर नहीं लेकिन उनसे मिलते जुलते गेंदबाज शाहीन जरूर होंगे।

स्टीव स्मिथ- फैंस को जानकर आश्चर्य होगा कि स्टीव स्मिथ इस मैच में बतौर गेंदबाज उतरे थे और काफी महंगे भी साबित हुए थे। उन्होंने 2 ओवर में 23 रन देकर पाक सलामी बल्लेबाज सलमान बट्ट का विकेट लिया था।

बल्लेबाजी पर जब आए तब वह सिर्फ 5 रन बनाकर अजमल की गेंद पर अकमल द्वार स्टंप हो गए थे। लेकिन आज ऑस्ट्रेलिया की ओर से वह बतौर बल्लेबाज उतरेंगे क्योंकि कई सालों से वह ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की रीढ़ रहे हैं। हालांकि टी-20 में वह उतनी तेजी से रन बनाने के लिए नहीं जाने जाते।
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मोहम्मद हफीज- पाकिस्तान के ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज लंबे समय से पाक टीम से जुड़े हैं। इस मैच में वह बल्लेबाजी तो नहीं कर पाए थे लेकिन गेंदबाजी में भी कुछ कमाल नहीं कर पाए थे। हफीज ने 2 ओवरों में 20 रन दिए थे।

वैसे तो पाक टीम में खेलने वाले शोएब मलिक भी टी-20 विश्वकप 2010 की टीम का हिस्सा थे लेकिन इस मैच में उनको प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया गया था।

क्या हुआ था उस मैच में

माइक हसी की तूफानी पारी (नाबाद 60 रन, 24 गेंद, 6 छक्के 3 चौके) और कैमरून व्हाइट के आतिशी 43 रन (31 गेंद, 5 छक्के) बल्लेबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया चमत्कारिक ढंग से पाकिस्तान को 3 विकेट से हराकर ट्‍वेंटी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुँच गया था।

एक समय जहाँ ऑस्ट्रेलिया शर्तिया रूप से हार के कगार पर खड़ा था, वहाँ पर माइक हसी ने हैरतअंगेज पारी खेली और टीम को फाइनल की दहलीज पर ला खड़ा किया था। हसी ने मिशेल जॉनसन के साथ केवल 16 गेंदों में 53 रनों की भागीदारी आठवें विकेट के लिए निभाई थी।

माइक हसी की तूफानी पारी से जीता था ऑस्ट्रेलिया

पाकिस्तान ने 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 191 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया ने एक गेंद शेष रहते 7 विकेट खोकर 197 रन बना लिए थे। विजयी छक्का भी माइक हसी के बल्ले से ही निकला था। ऑस्ट्रेलिया को एक समय 12 गेंदों में 34 और 6 गेंदों में 18 रन बनाने थे। पाकिस्तान के सईद अजमल ने अंतिम ओवर डाला, जिसमें वे 21 रन लुटा बैठे और इस तरह पाकिस्तान सेमीफाइनल मुकाबला हार गया था।

ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर (0), शेन वॉटसन (16), हैडिन ( 25) और माइकल क्लार्क (16), डेविड हसी (13) , कैमरून व्हाइट (43) और स्टीफन स्मिथ (5) के विकेट खोए थे। पाकिस्तान की तरफ से मोहम्मद आमिर ने 35 रन देकर 3, अब्दुल रहमान ने 2, अफरीदी और सईद अजमल ने 1-1 विकेट हासिल किए थे।
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अकमल बंधुओं ने जड़े थे अर्धशतक

इससे पहले पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज कामरान अकमल ने 34 गेंदों का सामना कर 6 चौके और 2 छक्कों की मदद से शानदार 50 रन बनाकर पहले विकेट के लिए सलमान बट्ट (32) के साथ 82 रन की आतिशी साझीदारी की थी। तीसरे नंबर पर उतरे उमर अकमल ने 35 गेंदों में दो चौके और चार गगनचुंबी छक्के लगाकर 56 रन बनाए और अंत तक आउट नहीं हुए थे।

ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था और डिर्क नैन्स ने पहला ओवर मेडन रखकर इस फैसले को बहुत हद तक सही ठहराया था। दूसरे ओवर में शान टेट ने भी मात्र तीन रन दिए थे। कामरान ने तीसरे ओवर में नैन्स को लगातार दो चौके जड़ने के साथ कुल 11 रन निकाल लिए और यहाँ से पाकिस्तान का शिकंजा मैच पर कसा था।

पारी का चौथा ओवर भी काफी महँगा साबित हुआ था। इसमें बट्ट ने तीन चौके जड़कर 13 रन निकाले थे। कामरान को सातवें ओवर में जीवनदान भी मिला जब 16 के निजी स्कोर पर विकेटकीपर ब्रैड हैडिन ने उनका आसान कैच छोड़ दिया था। इस समय पाकिस्तान का स्कोर 6.1 ओवर में बिना किसी नुकसान के 41 रन था।

जीवनदान मिलते ही कामरान ने इसका पूरा फायदा उठाते हुए इसी ओवर में एक चौका और एक छक्का ठोक डाला था। बट्ट और कामरान ने किसी गेंदबाज को नहीं बख्शा था और नौ ओवर तक बेखौफ होकर धमाचौकड़ी करते रहे थे।
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दसवें ओवर की चौथी गेंद पाकिस्तान के लिए पहला झटका लेकर आई जब मिशेल जानसन ने कामरान का शिकार किया था। कामरान के बेहतरीन ड्राइव को डेविड वॉर्नर ने दौड़ते हुए जबर्दस्त कैच में बदल दिया लेकिन तब तक कामरान अपना अर्द्धशतक पूरा कर चुके थे।

इसके बाद रन गति थोड़ी धीमी हुई और 11वें ओवर की पहली गेंद पर बट्ट भी चलते बने थे। दोनों सलामी बल्लेबाजों के आउट होने के बाद उमर को खुलने का मौका मिला था। कुछ देर तक वह संयम के साथ खेलते रहे। इस बीच कप्तान शाहिद अफरीदी (8) सस्ते में डेविड हसी का शिकार बन गए थे।

नए नवेले खालिद लतीफ ने आते ही एक छक्का और एक चौका जड़कर आक्रामकता दिखाने की कोशिश की थी लेकिन 17वें ओवर की आखिरी गेंद पर नैन्स की गेंद को मिडऑफ से बाहर निकालने के चक्कर में वॉर्नर के हाथों लपके गए थे।

इन झटकों के बावजूद उमर का रुख आक्रामक ही होता गया था।18वें ओवर में जॉनसन को तीन छक्के जड़कर उन्होंने 24 रन निकाले थे।

अब्दुर्र रज्जाक केवल 12 रन बना सके थे लेकिन उन्होंने उमर का अच्छा साथ दिया था। रज्जाक के रनआउट होकर लौटने के बाद आए मिस्बा उल हक बिना खाता खोले रनआउट हो गए थे। इस तरह पाकिस्तान ने 20 ओवर में छह विकेट खोकर 191 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था।

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