नई दिल्ली। छोटे शेयरों ने चालू वित्त वर्ष में निवेशकों को अधिक प्रतिफल या रिटर्न दिया है। चालू वित्त वर्ष में अबतक स्मॉलकैप इंडेक्स 29.72 प्रतिशत चढ़ा है और इसका प्रदर्शन सेंसेक्स से बेहतर रहा है।
चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में छोटी कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन के विश्लेषण से पता चलता है कि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 6,137.29 अंक या 29.72 प्रतिशत चढ़ा है। इस दौरान मिडकैप में 2,905.91 अंक या 14.39 प्रतिशत का उछाल आया है। वहीं इसकी तुलना में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,077.69 अंक या 6.21 प्रतिशत चढ़ा है।
मिडकैप इंडेक्स 23 जुलाई को अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर 23,207.51 अंक पर पहुंच था। वहीं स्मॉलकैप 30 जुलाई को 26,895.93 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 16 जुलाई को 53,290.81 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया था।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, 'बाजार का प्रदर्शन असाधारण रहा है। व्यापक बाजार ने बेंचमार्क सूचकांक की तुलना में अधिक बेहतर प्रदर्शन किया है। इससे व्यापक बाजार के निवेशकों को ऊंचा रिटर्न मिला है।'
बीते वित्त वर्ष 2020-21 में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 11,040.41 अंक या 114.89 प्रतिशत चढ़ा। वहीं इस दौरान मिडकैप 9,611.38 अंक या 90.93 प्रतिशत के लाभ में रहा। इसकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 20,040.66 अंक या 68 प्रतिशत के लाभ में रहा।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार तथा टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने से भी बाजार को मदद मिली। विश्लेषकों का कहना है कि छोटे शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशक खरीदते हैं। वहीं विदेशी निवेशक ब्लूचिप या बड़ी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाते हैं। (भाषा)