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3 दिन घटा तो 2 दिन हरे निशान में बंद हुआ शेयर बाजार, क्या है अस्थिरता की वजह?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 24 मई 2025 (15:36 IST)
Share market review: अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों से एक बार फिर दुनिया में ट्रेड वॉर तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। रूस यूक्रेन युद्ध तेज होने, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चल रही बयानबाजियों ने बाजार में एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल खड़ा कर दिया है। इस वजह से निवेशक एक बार फिर संशय की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। जानिए आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : शेयर बाजार के लिए हफ्ते की शुरुआत नकारात्मक रही। हफ्ते के पहले दिन शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए सेंसेक्स 271 अंक टूट गया तो निफ्टी भी 74 अंक गिरकर बंद हुआ। मंगलवार को भी बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा। बीएसई सेंसेक्स ने 873 अंक का गोता लगा गया तो एनएसई का निफ्टी भी 261.55 अंक गिरकर 24,684 अंक पर बंद हुआ। तेज गिरावट के कारण निवेशकों की संपत्ति 5.64 लाख करोड़ रुपए घट गई। 
 
बुधवार का दिन शेयर बाजार के अच्छा रहा इस दिन सेंसेक्स 410 अंक चढ़ा तो निफ्टी भी 130 अंक बढ़ गया। 22 मई को शेयर बाजार में एक बार फिर गिरावट आई। सेंसेक्स 644.64 अंक टूटकर 80,952 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 204 अंक गिरकर 24,610 पर जा पहुंचा। हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स में 769 अंकों की तेजी आई और निफ्टी भी 243 अंक चढ़ गया। इस तरह 3 दिन बाजार की धारणा नकारात्मक थी तो 2 दिन बाजार हरे निशान में बंद हुआ। 5 कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 610 अंक गिर गया तो निफ्टी में भी 167 अंकों की गिरावट आई।
 
इन फैक्टर्स ने बाजार पर डाला असर :  मूडीज रेटिंग्स के अमेरिका की साख घटाये जाने के बीच वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के साथ आईटी और बैंक शेयरों में बिकवाली से सोमवार को बाजार नीचे आया। मंगलवार को एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख शेयरों में गिरावट से बाजार नुकसान में रहा। एशिया के अन्य बाजारों में मजबूत रुख के बीच एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में लिवाली से बुधवार को शेयर बाजार में तेजी आई। एफआईआई ने भी इस दिन जमकर खरीदारी की।

गुरुवार को एक बार फिर बाजार में मुनाफावसूली हुई। आईटी, तेल और एफएमसीजी बनाने वाली कंपनियों में बिकवाली का माहौल था। रिजर्व बैंक की तरफ से सरकार को रिकॉर्ड लाभांश दिए जाने की संभावना और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में नरमी ने निवेशकों को खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।
 
भारत पाकिस्तान संघर्ष विराम से राहत मिलने के बाद दुनिया में अब एक बार फिर ट्रेड वॉर का खतरा बढ़ गया है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले भी निवेशकों को आने वाले समय में सतर्कता से निवेश की चेतावनी दे रहे हैं। कंपनियों के सकारात्मक र्क्वाटर रिजल्ट जरूर निवेशकों को राहत दे रहे हैं।
 
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने बताया कि बाजार में अभी भी अस्थिरता का दौर खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ट्रंप भारत पर कितना प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे, यह अभी तय नहीं हुआ है। स्थिति स्पष्‍ट होने पर ही बाजार स्थिरता आएगी। कई कंपनियों के र्क्वाटर रिजल्ट अच्छे आ रहे हैं। जिन जिन कंपनियों के रिजल्ट सकारात्मक आए हैं उनमें निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।
 
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर आ रही खबरों का फिल्हाल बाजार पर कोई असर नहीं है। अगर देश में कोरोना मरीजों की संख्‍या बढ़ती है या इससे जनहानि होती है तो बाजार पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। भारत ही नहीं सिंगापुर, थाईलैंड या चीन में कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ बड़ा होता है तो इससे भी शेयर बाजार प्रभावित होगा।
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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