Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

लगातार चौथे दिन गिरावट, सेंसेक्स 152 अंक फिसला, निफ्टी भी टूटा

हमें फॉलो करें लगातार चौथे दिन गिरावट, सेंसेक्स 152 अंक फिसला, निफ्टी भी टूटा
, बुधवार, 15 जून 2022 (16:54 IST)
मुंबई। वैश्विक स्तर पर मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी के चलते उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 152 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।इसी तरह निफ्टी भी 39.95 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 15,692.15 अंक पर बंद हुआ।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 152.18 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,541.39 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 200.21 अंक तक नीचे चला गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 39.95 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 15,692.15 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, विप्रो, टेक महिंद्रा और पावरग्रिड के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही। वहीं दूसरी तरफ बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की नुकसान में रहा, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग तथा चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा। यूरोप के बाजार दोपहर के कारोबार में लाभ में थे। वहीं अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार रात को मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे आने से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। कारोबार में शुरुआत में मजबूती का रुख रहा, लेकिन दोपहर में बिकवाली के दबाव में प्रमुख सूचकांक लुढ़क गए। अब सभी की निगाहें फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर हैं।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड एक प्रतिशत की गिरावट के साथ 120 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली का सिलसिला जारी है। उन्होंने मंगलवार को 4,502.25 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

‘अग्निपथ’ योजना : न कोई चर्चा, न गंभीर सोच-विचार, बस मनमानी