Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर से फिसले

हमें फॉलो करें शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर से फिसले
, बुधवार, 15 जनवरी 2020 (17:23 IST)
मुंबई। बैंक शेयरों में बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार में 4 दिन से जारी तेजी बुधवार को थम गई। बीएसई का सेंसेक्स करीब 80 अंक गिर गया। चीन और अमेरिका के पहले चरण के व्यापार समझौते में शुल्क वापसी की बात शामिल नहीं होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और बाजार रिकॉर्ड स्तर से नीचे आ गया।

बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान उतार-चढ़ाव के बाद 79.90 अंक यानी 0.19 प्रतिशत गिरकर 41,872.73 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 19 अंक यानी 0.15 प्रतिशत टूटकर 12,343.30 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे दिन मंगलवार को नई ऊंचाई पर बंद हुए थे।

सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक में सबसे ज्यादा 5.44 प्रतिशत की गिरावट रही। इंफोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, पावरग्रिड, टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी 1.21 तक प्रतिशत गिर गए।

इसके विपरीत, हीरो मोटोकॉर्प, टाइटन, मारुति, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीसीएस, बजाज ऑटो और अल्ट्राटेक सीमेंट 2.58 प्रतिशत तक लाभ में रहे। विश्लेषकों का मानना है कि चीन और अमेरिका के पहले चरण के व्यापार समझौते में शुल्क वापसी की बात शामिल नहीं होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और बाजार रिकॉर्ड स्तर से नीचे आ गया।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बजट से पहले शेयर बाजारों में तेजी के बाद हाल में आए तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों में बैंकों का एनपीए अनुमान से ज्यादा रहने और खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी से बाजार में थोड़ी नरमी आई है।

बाजार आगे की दिशा तय करने के लिए तिमाही नतीजों और बजट पर नजर रखेगा। एशियाई बाजारों में शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सियोल के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि घरेलू निवेशक एक ही समय पर आर्थिक गतिविधियों में ठहराव और उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति को लेकर भी चिंतित हैं। इस बीच, ब्रेंट कच्चा तेल 0.33 प्रतिशत गिरकर 64.28 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत निर्णय लेने में ज्यादा यकीन रखता है : एस. जयशंकर