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वॉर्न को अपने युवा खिलाड़ियों पर गर्व

हमें फॉलो करें वॉर्न को अपने युवा खिलाड़ियों पर गर्व
मुंबई (भाषा) , सोमवार, 2 जून 2008 (10:24 IST)
इंडियन प्रीमियर लीग का पहला खिताब जीतने से बेहखुनजर आ रहे राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न ने कहा कि उन्हें अपने युवा खिलाड़ियों पर गर्व है, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।

वॉर्न ने राजस्थान रॉयल्स की फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स पर तीन विकेट की जीत के बाद कहा कि यह बेहतरीन और लाजवाब यात्रा थी और सभी ने इसका भरपूर लुत्फ उठाया। हमारे खिलाड़ी बहुत जल्दी एक-दूसरे से घुल-मिल गए, जिससे हमें फायदा मिला।

उन्होंने कहा कि कई युवा खिलाड़ियों ने जिस तरह से अपने कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया उससे मुझे उन पर गर्व है। स्वप्निल असनोदकर, रविंदर जडेजा, यूसुफ पठान जैसे युवा क्रिकेटरों ने बेहतरीन खेल दिखाया। उनका भविष्य उज्ज्वल है।

राजस्थान रॉयल्स ने मैच की अंतिम गेंद पर जीत दर्ज की। वॉर्न से जब पूछा गया कि अंतिम ओवर में क्या उन पर दबाव था? उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि अंतिम गेंद पर स्ट्राइक सोहेल तनवीर के पास रहे। जैसे ही तनवीर ने खाली जगह पर गेंद मारी तो मैं दौड़ पड़ा। तब मैं अपनी माँसपेशियों में खिंचाव के लिए भी तैयार था।

वॉर्न ने कहा कि उन्होंने राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी का भरपूर लुत्फ उठाया। खिलाड़ियों का जुनून, लोगों का जुनून और दर्शकों का साथ अद्‍भुत था। मुझे खुशी है कि दर्शक, मीडिया और सभी लोगों ने हमारा साथ दिया।

चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने कहा कि वे इस हार से निराश नहीं हैं, क्योंकि उनकी टीम के खेल का स्तर अच्छा रहा। मुझे नहीं लगता कि हमारे खेल का स्तर खराब था। हमने फाइनल में भी आखिर तक हार नहीं मानी।

धोनी ने हार का दोष किसी एक पर मढ़ने के बजाय इसके लिए पूरी टीम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हार की जिम्मेदारी पूरी टीम की है, लेकिन हम निराश नहीं हैं। गेंदबाजी और बल्लेबाजी में कुछ गलतियाँ हुईं लेकिन वास्तव में हम इससे नाखुश नहीं हैं। हम भी होटल जाकर पूरा मनोरंजन करेंगे, यही खेल है।

धोनी ने हालाँकि स्वीकार किया कि टूर्नामेंट के व्यस्त कार्यक्रम का उन पर असर पड़ा, क्योंकि उन्हें सेमीफाइनल के 24 घंटे के अंदर फाइनल खेलना पड़ा। टूर्नामेंट में विश्राम के लिए समय ही नहीं था। हमें 24 घंटे के अंदर दो मैच खेलना पड़े लेकिन यह इस टूर्नामेंट का हिस्सा था और मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है।

'मैन आफ द मैच' यूसुफ पठान तो खुशी के मारे बोल ही नहीं पा रहे थे। तीन विकेट लेने के अलावा 56 रन बनाने वाले पठान ने कहा कि गेंदबाजी में मैंने उन पर अंकुश लगाने पर ध्यान दिया। बल्लेबाजी के लिए जाने से पहले मैं जरूर नर्वस था, लेकिन शेन वॉटसन के साथ क्रीज पर हमेशा मेरी बात होती रहती है और इस बार भी उन्होंने मेरा मनोबल बढ़ाया।

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