ब्यूनस आयर्स। भारत के शीर्ष जूनियर शटलर लक्ष्य सेन को शुक्रवार यहां यूथ ओलंपिक की पुरुष एकल बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। आठ वर्षों बाद इन खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा में भारत का यह मात्र दूसरा पदक है।
17 साल के लक्ष्य को चीन के शीफेंग ली के हाथों 42 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में 15-21, 19-21 से शिकस्त के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा। चौथी सीड भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि दूसरे गेम में कमाल की लय दिखाते हुए चार मैच अंक बचाए थे लेकिन ली ने लगातार दो अंक लेकर 21-19 से गेम समाप्त कर दिया और बिना एक भी गेम गंवाए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
पहले गेम में ली ने शुरुआत में ही 14-5 की बढ़त बना ली। हालांकि लक्ष्य ने वापसी करते हुए स्कोर 13-16 किया। लेकिन चीनी खिलाड़ी ने फिर बढ़त को 18-13 और 20-14 पहुंचाया। लक्ष्य ने एक गेम प्वांइट बचाया, लेकिन चीनी खिलाड़ी ने अगला गेम अंक जीता और 17 मिनट में पहला गेम जीतकर 1-0 की बढ़त बना ली।
दूसरे गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला करीबी रहा। चीनी खिलाड़ी ने 12-7 की बढ़त बनाई लेकिन लक्ष्य ने अंक बटोरे और स्कोर 11-14 किया। लेकिन दोनों के बीच यह अंक अंतर बना रहा और ली ने स्कोर 18-14 और 19-14 किया तथा गेम प्वांइट पर मैच जीत लिया।
लक्ष्य को हालांकि हार के साथ रजत पदक मिला जिसके बाद भारत ने यूथ ओलंपिक खेलों में अब तक अपने पदकों की संख्या सात तक पहुंचा दी है। वह आठ वर्षों में मात्र दूसरे शटलर हैं जिन्होंने यूथ ओलंपिक में भारत को पदक दिलाया है। इससे पहले वर्ष 2010 में एचएस प्रणय ने पदक जीता था। (वार्ता)