Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

बजरंग को 'ओलंपिक स्वर्ण' दिलाने के खातिर योगेश्वर दत्त ने लिया संन्यास

हमें फॉलो करें बजरंग को 'ओलंपिक स्वर्ण' दिलाने के खातिर योगेश्वर दत्त ने लिया संन्यास
, शुक्रवार, 2 नवंबर 2018 (18:46 IST)
गोहाना (सोनीपत)। योगेश्वर दत्त ने कहा कि मैट से संन्यास लेने का फैसला मुश्किल नहीं था क्योंकि उनके पास बजरंग पूनिया जैसा शिष्य था और उन्हें लगता है कि वह ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाला भारत का पहला पहलवान बन सकता है।


केडी जाधव और सुशील कुमार के बाद योगेश्वर ओलंपिक पदक (2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक) जीतने वाले तीसरे भारतीय पहलवान हैं। योगेश्वर ने अपने सफल करियर में 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे।

हरियाणा का यह पहलवान आज अपना 35वां जन्मदिन मना रहा है, उन्होंने कहा कि वह बजरंग को 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयार करने पर ध्यान लगाए हैं। योगेश्वर ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि बजरंग ओलंपिक पदक के लिए तैयार रहे। वह अच्छा है लेकिन और भी बेहतर कर सकता है। मैं 2020 में भाग नहीं सकता इसलिए बेहतर यही है कि हम बजरंग की मदद करें। वह टोक्यो में स्वर्ण पदक के लिए प्रबल दावेदारों में एक होगा।’
webdunia

उन्होंने कहा, ‘मेरा करियर अच्छा रहा। मैंने चार ओलंपिक में भाग लिया। हमारे पहलवानों में बजरंग अच्छा कर रहा है और बेहतर हो सकता है। इसलिए उसे मौका और सहयोग देना अहम है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या कुश्ती को छोड़ना क्या आसान फैसला था? योगेश्वर ने कहा, ‘अगर बजरंग नहीं होता तो मैं संन्यास नहीं लेता। मैं और स्पर्धाओं में भाग लेता और शायद एक वजन वर्ग ऊपर हो जाता। लेकिन मुझे लगा कि यह सही फैसला है। वह अभी 24 साल का है। जूनियर स्तर से उसने अपार प्रतिभा दिखाई। मैं भारत के लोगों को अब बजरंग में योगेश्वर को देखना चाहता हूं। मेरा करियर लंबा रहा और मैं नहीं चाहता कि बजरंग इससे प्रभावित हो।’ 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

टखने की सर्जरी के कारण 6 सप्ताह मैदान से दूर रहेंगे रॉबिन उथप्पा