नई दिल्ली। साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में इतिहास रचा और विनेश फोगाट सफलता हासिल करने से चूक गई लेकिन दोनों के बीच जलन जैसी कोई चीज नहीं है और दोनों एक साथ ट्रेनिंग करके फायदा उठा रही हैं। साक्षी ने पिछले साल रियो खेलों में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था लेकिन विनेश घुटने की चोट के कारण इससे चूक गई थी।
हालांकि विनेश का मानना है कि ओलंपिक की सफलता साक्षी के सिर चढ़कर नहीं बोल रही और वह अब भी उनके साथ अभ्यास को प्राथमिकता देती हैं। विनेश ने कहा कि ओलंपिक पदक के बाद साक्षी में बिलकुल भी बदलाव नहीं आया है। वह और हमारा रिश्ता पहले की तरह ही है। हम तब से एक दूसरे को जानते हैं जब से कैडेट वर्ग में खेलते थे। हमारा रिश्ता काफी मजबूत है। वह अब भी मेरे साथ अभ्यास के लिए तैयार रहती हैं।
ओलंपिक के बाद जब मैं चोट से उबर रही थी तो साक्षी मुझसे पूछती रहती थी कि मैं कब पूरी फिटनेस हासिल करूंगी और उसके साथ अभ्यास करूंगी। साक्षी 58 किग्रा वर्ग में हिस्सा लेती हैं जबकि विनेश का वजन वर्ग 48 किग्रा है।
वजन वर्ग में काफी अंतर के बावजूद साथ अभ्यास करने के बारे में विनेश ने कहा कि हम लंबे समय से साथ अभ्यास कर रहे हैं। वजन में अंतर से हमें मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि साक्षी का वजन अधिक है इसलिए मैं उसके दमखम की बराबरी करने की कोशिश करती हूं और इससे मुझे अपनी ताकत और स्टेमिना बढ़ाने में मदद मिलती है। दूसरी तरफ मेरी चपलता से उसे अपनी गति में इजाफा करने में मदद मिलती है। हम दोनों हमेशा एक-दूसरे को प्रेरित करते हैं। विनेश ने चोट के कारण नौ महीने बाहर रहने के बाद हाल में संपन्न एशियाई चैम्पियनशिप के दौरान वापसी की थी जहां उन्होंने रजत पदक जीता। (भाषा)