Rohan Bopanna रोहन बोपन्ना ने रविवार को यहां डेविस कप विश्व ग्रुप -2 के युगल मुकाबले में अपने जोड़ीदार युकी भांबरी के साथ मोरक्को के खिलाफ जीत दर्ज कर प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपने शानदार करियर को अलविदा कर दिया वहीं सुमित नागल और दिग्विजय प्रताप सिंह ने अपने प्रतिद्वंदियों को घुटनों पर बैठा कर अपने सीनियर के विदाई टूर्नामेंट को यादगार बना दिया। भारत इसके साथ मोरक्को के खिलाफ 4-1 से जीत दर्ज कर अगले साल होने वाले विश्व ग्रुप एक के प्ले आफ में पहुंच गया है।
विजयंतखंड स्टेडियम के हार्ड कोर्ट पर बोपन्ना और युकी भांबरी ने एकतरफा मुकाबले में मोरक्को के इलियट बेनचेट्रिट और यूनुस लालामी लारौसी की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-2,6-1 से हरा दिया जबकि शीर्ष वरीय सुमित नागल ने रिवर्स सिंगल में यासीन डिलिमी को 6-3,6-3 से हरा कर डेविस कप ग्रुप-2 अभियान में भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया। बाद में दिग्विजय सिंह ने आहूदा वलीद को 6-1,5-7,10-6 से हरा कर जीत के फासले को 4-1 कर दिया। नागल ने इससे पहले शनिवार को मोरक्को के प्रतिद्वंदी एडम माउंडिर को सीधे सेटों मे हराया था हालांकि शशिकुमार मुकुंद मोरक्को के यासीन डिलिमी के खिलाफ मैराथन एकल मुकाबले में उमस से हार मान कर मुकाबले से हट गये थे जिसके चलते डिलिमी को उस मैच में जीत मिली थी।
यह दूसरा मौका है जब नागल ने डेविस कप के किसी मुकाबले में अपने दोनों एकल मैच जीते। इससे पहले उन्होंने 2019 में कजाखस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में यह कारनामा किया था। इस जीत से भारत अगले साल होने वाले विश्व ग्रुप एक के प्लेऑफ में पहुंच गया है।
43 वर्षीय रोहन बोपन्ना का डेविस कप करियर में यह आखिरी मुकाबला था। उन्होने अपने जोड़ीदार युकी भांबरी के साथ विजयंत खंड हार्ड कोर्ट में खेले गये मैच में मोरक्को के खिलाड़ियों के पांव जमने से पहले ही उखाड़ दिये। अमेरिकी ओपन में युगल वर्ग का फाइनल खेल कर लखनऊ आये विश्व के नंबर सात खिलाड़ी ने कोर्ट में अपने अनुभव का भरपूर इस्तेमाल किया और एक घंटे 11 मिनट तक चले मैच में अपने प्रतिद्वंदियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
जीत के बाद कोर्ट पर मौजूद प्रशंसकों ने खड़े होकर ताली बजाते हुये उनको विदाई दी। भावुक बोपन्ना ने कोर्ट पर भारतीय टीम की जर्सी उतार कर डेविस कप को अलविदा कहा। भारत के उम्रदराज खिलाड़ी ने डेविस कप के करियर के दौरान 13 युगल मुकाबलों समेत कुल 33 मैच खेले जिनमें से 23 में उनके खाते में जीत आयी।
इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी कमजोर दिख रही मोरक्को पर पूरी तरह हावी रहे। मोरक्को के खिलाड़ी अपनी सर्विस बचाने के लिये संघर्ष करते नजर आये। भारत ने पहला सेट मात्र 34 मिनट में अपने नाम किया जबकि दूसरे सेट में भी मामूली संघर्ष के बाद मोरक्को ने घुटने टेक दिये।(एजेंसी)