लंदन। रोजर फेडरर ने घसियाले कोर्ट पर अपनी महारत के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए बुधवार को रात यहां सीधे सेटों में जीत दर्ज करके विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में जगह बनाई जबकि चोटों से जूझ रहे पहली वरीयता प्राप्त एंडी मरे के बाद दूसरे वरीय नोवाक जोकोविच भी क्वार्टर फाइनल से ही बाहर हो गए।
स्विट्जरलैंड के स्टार खिलाड़ी फेडरर ने कनाडा के 6ठे वरीय मिलोस राओनिच को 6-4, 6-2, 7-6 (7/4) से हराकर 12वीं बार विंबलडन के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। राफेल नडाल और मरे के बाद अब जोकोविच के भी बाहर होने से उनकी 8वां खिताब जीतने की संभावना भी प्रबल हो गई है।
ऑल इंग्लैंड क्लब पर अपना 100वां मैच खेल रहे 35 वर्षीय फेडरर विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले ओपन युग के दूसरे सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए हैं। केन रोसवेल 1974 में 39 साल की उम्र में अंतिम 4 में पहुंचे थे।
शीर्ष 4 खिलाड़ियों में से अब केवल फेडरर ही बचे हैं, जो कि खिताब की दौड़ में बने हुए हैं। कूल्हे की चोट से परेशान ब्रिटिश खिलाड़ी और मौजूदा चैंपियन मरे को बुधवार को अमेरिका के 24वें वरीय सैम क्वेरी के हाथों 5 सेट तक चले मुकाबले में 3-6, 6-4, 6-7 (4/7), 6-1, 6-1 से हार झेलनी पड़ी जबकि 3 बार के चैंपियन सर्बियाई स्टार जोकोविच भी कोहनी की चोट के कारण चेक गणराज्य के 11वें वरीय टामस बर्डिच के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के बीच से हट गए।
जोकोविच ने जब हटने का फैसला किया तब बर्डिच 7-6 (7/2), 2-0 से आगे चल रहे थे। इसका मतलब है कि अब शुक्रवार को होने वाले सेमीफाइनल में फेडरर का सामना बर्डिच से होगा। दूसरा सेमीफाइनल क्वेरी और क्रोएशिया के 7वें वरीय मारिन सिलिच के बीच होगा। सिलिच ने लक्समबर्ग के 16वें वरीय जाइल्स मुलेर को 3-6, 7-6 (8/6), 7-5, 5-7, 6-1 से पराजित किया। वे मुलेर ही थे जिन्होंने नडाल को हराकर अंतिम 8 में जगह बनाई थी।
फेडरर ने मैच के बाद कहा कि मैं विश्वास नहीं कर सकता कि मैंने यहां 100वां मैच खेला। मुझे खुशी है कि इतने वर्षों में मेरी फिटनेस बनी रही। मैं जैसा खेल रहा हूं उससे मैं खुश हूं। जोकोविच पिछले कुछ समय अच्छी फॉर्म में नहीं चल रहे हैं। वे पिछले 1 साल से भी अधिक समय से कोहनी की चोट से जूझ रहे हैं। बर्डिच के खिलाफ मैच के दौरान उनका दर्द इतना बढ़ गया था कि उनके पास हटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था।
जोकोविच ने बाद में कहा कि संभावना है कि चिकित्सक आपरेशन करने के लिए कहें लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह सही होगा। ऑपरेशन करवाना और दवाइयां खाकर अपने अंदर जहर भरना दोनों ही समाधान अच्छे नहीं हैं। लंबे समय तक विश्राम करना तार्किक समाधान हो सकता है। यह सिर्फ चोट ही नहीं बल्कि मेरे दिमाग के लिए भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अपने पूरे करियर के दौरान मैंने पूरी तरह से स्कूल के कार्यक्रम का अनुसरण किया। मुझे कभी डांट नहीं पड़ी, हो सकता है मुझे अगले सेमेस्टर से बाहर होना पड़े। (भाषा)