नई दिल्ली। नए खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सोमवार को अपना पदभार संभालने के बाद स्पष्ट तौर पर कहा कि खेल मंत्रालय का रवैया बदलना जरूरी है और खिलाड़ियों को सम्मान तथा सुविधा देना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
वर्ष 2004 के एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले निशानेबाज राठौर को विजय गोयल के स्थान पर नया खेलमंत्री नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जब 2018 में भारत को राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में अपनी दमदार चुनौती पेश करनी है।
खेलमंत्री पद पर आसीन होने वाले पहले खिलाड़ी बने राठौर ने अपना प्रभार संभालने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा कि मैं प्रधानमंत्री और देशवासियों को सबसे पहले धन्यवाद करना चाहता हूं। भारत के पास अपार युवा शक्ति है। मेरी पहली प्राथमिकता है खिलाड़ियों को सम्मान और सुविधा देना। जब तक हम अपने खिलाड़ियों को उचित सम्मान और पर्याप्त सुविधाएं नहीं देंगे, तब तक हम उनसे उम्मीद नहीं कर सकते।
राठौर ने साथ ही कहा कि खेल मंत्रालय का रवैया बदलना भी बहुत जरूरी है। रवैया बदलने के संदर्भ के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मेरा स्पष्ट तात्पर्य है कि मंत्रालय में खिलाड़ियों को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उनके प्रति सोच भी बदली जानी चाहिए। यहां कई अच्छे अधिकारी हैं, जो खिलाड़ियों की मदद करते हैं लेकिन हमें ऐसे अधिकारियों की संख्या बढ़ानी होगी ताकि खिलाड़ियों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
खिलाड़ी से खेलमंत्री तक अपने सफर के बारे में पूछे जाने पर नए खेलमंत्री ने कहा कि मेरे सफर की पहली शुरुआत इसी मंत्रालय के रिसेप्शन से हुई थी। हर खिलाड़ी का सफर भी यहीं से शुरू होता है, जब उसे अपनी दिक्कतों और जरूरतों को लेकर मंत्रालय के अधिकारियों के पास पहुंचना पड़ता है। हर खिलाड़ी के साथ दिक्कतें आती हैं और हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम हर खिलाड़ी की दिक्कतों को दूर कर सकें।
अपने सामने की चुनौतियों और उम्मीदों के बारे में राठौर ने कहा कि उम्मीदें तो उसी दिन से शुरू हो गई थीं, जब खेल शुरू हुए थे। मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि मैं देश के खिलाड़ियों को वे सब दे सकूं, जो अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जरूरी है। हमें देश में खेल का माहौल बदलना होगा।
राठौर ने अपने मंत्रालय को 'सेवा मंत्रालय' बताते हुए कहा कि मैं अपने मंत्रालय को सेवा मंत्रालय की तरह मानता हूं कि हमें यहां 24 घंटे खिलाड़ियों की सेवा करनी है। हमारे लिए एक ही बात अहम है कि खिलाड़ियों को उनका सम्मान और उनकी सुविधाएं मिलें।
खेलों में धोखाधड़ी रोकने के विधेयक को उनके कार्यकाल में रोशनी मिलने के बारे में पूछे जाने पर खेलमंत्री ने कहा कि खेलों को उसकी ताकत उसके प्रशंसकों से मिलती है। प्रशंसक चाहते हैं कि उनके आइकन खिलाड़ी किसी भी तरह की धोखाधड़ी न करें। हमारा इस बात पर पूरा ध्यान रहेगा कि कोई खेलों में धोखा न कर सके।
अपने मंत्रालय में खिलाड़ियों को शामिल करने के सवाल पर राठौर ने कहा कि हमें खेल और प्रबंधन के अनुभवी लोगों की जरूरत पड़ेगी। हमें देखना होगा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए कौन सक्षम है और कौन कितना काम कर सकता है?
खेलों में नेतृत्व को रेखांकित करते हुए खेलमंत्री ने कहा कि खेलों से नेतृत्व के गुण आते हैं, जो युवाओं को सिखाते हैं कि उन्हें समाज में कैसे आगे बढ़ना है। हमें युवाओं को वह मंच देना है, जहां से वे खुद को साबित कर सकें।
राठौर ने साथ ही कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा कॉर्पोरेट, माता-पिता और खेल संस्थानों को खेलों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभानी होगी तभी जाकर ग्रास रूट स्तर पर खेलों का विकास हो पाएगा। खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी जिससे वे बिना किसी चिंता के अपने खेलों पर ध्यान दे सकें।
राठौर के अपने मंत्रालय पहुंचने पर खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय के तमाम अधिकारी उनका स्वागत करने के लिए मौजूद थे। मीडिया का भी भारी जमावड़ा लगा हुआ था। मीडियाकर्मियों से रूबरू होने के बाद राठौर ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। (वार्ता)